नयी दिल्ली, 27 नवंबर उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिये जन आंदोलन का आह्वान किया और प्रौद्योगिकी व शैक्षणिक संस्थानों समेत सभी पक्षकारों से वांछित नतीजे हासिल करने में अग्रणी भूमिका निभाने को कहा।
आदि शंकरा डिजिटल अकादमी का डिजिटल उद्घाटन करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज के ज्ञान समाज में सूचना मुख्य तत्व है और जिसके पास सूचना तक जल्द पहुंच है, उसे बढ़त है।
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उन्होंने ‘डिजिटलीकरण’ को ऐसी सूचनाओं तक पहुंच का एक माध्यम करार दिया।
कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न अभूतपूर्व बाधा की तरफ ध्यान आकर्षित करते हुए नायडू ने कहा कि इसने विद्यालय बंद होने की वजह से करोड़ों बच्चों को कक्षाओं से बाहर रहने के लिये मजबूर किया और विश्व समुदाय ऑनलाइन शिक्षा अपनाकर इस चुनौती से पार पाने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी हमें सीखने और सिखाने को बदलने का अवसर प्रदान करती है। उन्होंने शैक्षणिक मॉडलों के लगातार उन्नयन व विकास की जरूरत पर बल दिया जो तेजी से बदलती प्रौद्योगिकी के मद्देनजर नए युग की मांग के अनुरूप हो।
ऑनलाइन शिक्षा के कई फायदे गिनाते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह सुदूरवर्ती इलाकों में गुणवत्तायुक्त व वहनीय शिक्षा की पहुंच सुलभ कर सकती है।
उन्होंने कहा कि यह सीखने के व्यक्तिगत अनुभवों की भी इजाजत देती है और कामकाजी पेशेवरों या गृहणियों के लिहाज से विशेष मददगार है जो नियमित पाठ्यक्रम में शामिल नहीं हो पाते।
नायडू ने राय व्यक्त की कि इन फायदों की वजह से ऑनलाइन शिक्षा के महामारी के बाद की अवधि में भी लोगों की पसंद बने रहने की उम्मीद है।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि महामारी ने शैक्षणिक परिदृश्य को हमेशा के लिये बदल दिया है।
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