विदेश की खबरें | अमेरिका ने ताइवान में चीन के ‘उकसावे’ वाले सैन्य अभ्यास की निंदा की
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

वाशिंगटन, पांच अगस्त अमेरिका ने ताइवान के आसपास चीन के ‘‘उकसावे’’वाले सैन्य अभ्यास की निंदा की और इसे ‘‘गैरजिम्मेदाराना’’ कृत्य बताया, जो ताइवान जलडमरूमध्य और क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता बनाए रखने के उसके दीर्घकालिक लक्ष्य के विपरीत है।

गौरतलब है कि चीनी सेना ने अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइपे की ऐतिहासिक यात्रा के जवाब में बृहस्पतिवार को चार दिवसीय युद्धाभ्यास शुरू किया और ताइवान जलडमरूमध्य में मिसाइलें दागीं। पेलोसी ने चीन के कड़े विरोध के बावजूद ताइवान की यात्रा की थी।

सामरिक संचार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के समन्वयक जॉन किर्बी ने बृहस्पतिवार को यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘चीन ने रातभर ताइवान की ओर लगभग 11 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी, जो द्वीप के उत्तरपूर्व, पूर्व और दक्षिणपूर्व क्षेत्र में गिरीं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम इन कार्रवाई की निंदा करते हैं, जो गैर जिम्मेदाराना हैं और ताइवान जलडमरूमध्य तथा क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता बनाए रखने के हमारे दीर्घकालिक लक्ष्य के विपरीत हैं।’’

किर्बी ने कहा कि चीन ने जरूरत से अधिक प्रतिक्रिया दी है और पेलोसी की यात्रा की आड़ में ताइवान जलडमरूमध्य में तथा उसके आसपास उकसावे वाली सैन्य गतिविधि बढ़ा दी है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने अनुमान जताया था कि चीन इस तरह के कदम उठा सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह भी उम्मीद है कि ये कदम जारी रहेंगे और चीन आने वाले कुछ दिनों तक प्रतिक्रिया देता रहेगा। बीजिंग के इन कृत्यों के लिए अमेरिका तैयार है। हम कोई संकट नहीं चाहते हैं।’’

साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार समुद्र तथा आसमान में अपनी गतिविधियां नहीं रोकेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका दशकों से ताइवान और स्वतंत्र एवं मुक्त हिंद-प्रशांत का समर्थन करता रहा है।

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