देश की खबरें | सेना के कर्नल राजेश कालिया 37 साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्त

नयी दिल्ली, 14 जनवरी जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में अपनी रणनीतिक भूमिकाओं के लिए मशहूर सैन्य अधिकारी कर्नल राजेश कालिया 37 साल की शानदार सेवा के बाद मंगलवार को सेवानिवृत्त हो गए।

‘पैराट्रूपर’ का प्रशिक्षण लेने वाले कर्नल कालिया ने भारतीय सेना के 3 कोर और 4 कोर के रक्षा जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) के रूप में कार्य किया, जहां उन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों में उग्रवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई में सेना के रुख को स्पष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

जब उन्हें 2007 में जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में स्थित उत्तरी कमान को सौंपा गया, तो उन्होंने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा शुरू किए गए ‘ युद्ध’ का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उन्हें 1988 में सेना के 4-पैरा में शामिल किया गया था। उनके पास सैन्य अभियानों में भाग लेने का व्यापक अनुभव है जिसमें भारतीय शांति सेना बल (आईपीकेएफ) के हिस्से के रूप में श्रीलंका में सेवा देना, सियाचिन में ‘ऑपरेशन मेघदूत’ में भागीदारी और पूर्वोत्तर के ‘ऑपरेशन राइनो’ तथा जम्मू-कश्मीर के ‘ऑपरेशन रक्षक’ सहित उग्रवाद रोधी अन्य अभियानों में भाग लेना शामिल है।

सियाचिन में उनकी विशेषज्ञता को मान्यता देते हुए कर्नल कालिया को 2007 में ग्लेशियरों पर पहले नागरिक अभियान के लिए मीडिया प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया था।

कर्नल कालिया ने कई महत्वपूर्ण घटनाओं के दौरान सेना के दृष्टिकोण को प्रभावी ढंग से व्यक्त किया जिसमें फरवरी 2019 में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की बस पर आतंकी हमला (जिसमें 40 कर्मियों की जान चली गई), बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक और 2016 में हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद भड़की हिंसा शामिल है।

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