विदेश की खबरें | नाटो बाल्टिक सागर क्षेत्र में समुद्र के नीचे केबल की सुरक्षा के लिए नया मिशन शुरू करेगा
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

रूट ने बाल्टिक सागर क्षेत्र में स्थित नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) देशों के नेताओं के साथ हेलसिंकी में एक बैठक में कहा कि इस प्रयास को ‘बाल्टिक सेंट्री’ नाम दिया जाएगा।

नाटो प्रमुख ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इसमें युद्धपोत और समुद्री गश्ती विमान सहित कई प्रकार के सैन्य साजो सामान होंगे। इससे बाल्टिक क्षेत्र में हमारी सतर्कता बढ़ेगी।’’

उन्होंने यह भी कहा कि नौसेना के ड्रोन के एक छोटे बेड़े को ‘‘ज्यादा निगरानी और प्रतिरोधक क्षमता के लिए’’ तैनात किया जाएगा।

यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब बाल्टिक क्षेत्र में हुई कुछ घटनाओं से इस क्षेत्र में संभावित रूसी गतिविधियों के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं।

नए अभियान की घोषणा करते हुए, रूट ने कहा कि 95 प्रतिशत से अधिक इंटरनेट ट्रैफिक समुद्र के नीचे बिछाई गई केबल के माध्यम से सुरक्षित है, और 13 लाख किलोमीटर केबल प्रतिदिन अनुमानित 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के वित्तीय लेनदेन की गारंटी देते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘नाटो के सभी क्षेत्रों में हमने साइबर हमलों, हत्या के प्रयासों और विध्वंसकारी गतिविधियों के माध्यम से हमारे समाजों को अस्थिर करने के प्रयासों को देखा है, जिसमें बाल्टिक सागर में समुद्र के नीचे केबल पर संभावित खतरा भी शामिल है।’’

रूट ने कहा कि नाटो के विरोधियों को यह पता होना चाहिए कि गठबंधन अपने महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर हमलों को स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम जवाबी कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। इसके लिए कदम उठाएंगे कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।’’

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