जयपुर, चार जनवरी केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रीजीजू ने शनिवार को अजमेर दरगाह पर जारी उर्स के दौरान सूफी संत मोइनुद्दीन चिश्ती की मजार पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भेजी गई चादर चढ़ाई।
दरगाह पर उन्होंने प्रधानमंत्री का संदेश पढ़ा, जिसमें सभी धर्मों के लोगों से सद्भावना के साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया गया है।
मंत्री ने दरगाह का वेब पोर्टल, तीर्थयात्रियों के लिए 'गरीब नवाज' ऐप और 'उर्स' के संचालन के लिए एक संचालन मैनुअल भी लॉन्च किया।
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती को गरीब नवाज के नाम से भी जाना जाता है।
रीजीजू ने चादर पेश करने के बाद पत्रकारों से कहा, "आज मैं प्रधानमंत्री मोदी की ओर से चादर लेकर दरगाह आया हूं। मुझे ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह आने का सौभाग्य मिला है। मैंने शांति के लिए कामना की।"
उन्होंने कहा, "अजमेर दरगाह का संदेश पूरी दुनिया को जाता है। प्रधानमंत्री की भेजी चादर पेश करने के साथ ही मैंने उनका संदेश भी पढ़ा।"
प्रधानमंत्री हर साल दरगाह पर चादर भेजते रहे हैं।
मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा है कि हर संप्रदाय और हर धर्म के लोगों को एक साथ आकर देश, समाज व विश्व शांति के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यहां लाखों लोग आते हैं और उन्हें शांतिपूर्वक दुआ मांगने का मौका मिलना चाहिए, विशेषकर बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को।
उन्होंने कहा, "इसके लिए एक व्यवस्था होनी चाहिए। इसके लिए एक मैनुअल जारी किया गया है और मैं इस व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए अपने मंत्रालय की ओर से हर संभव मदद उपलब्ध कराने का प्रयास करूंगा।"
उन्होंने कहा, "यहां आएं और महसूस करें कि दरगाह का हमारे जीवन पर कितना प्रभाव है।"
इस अवसर पर दरगाह समिति के प्रतिनिधि, खादिम और अन्य हितधारक उपस्थित थे।
मंत्री के दौरे के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। मंत्री जयपुर के लिए विमान से रवाना हुए और फिर सड़क मार्ग से अजमेर पहुंचे। हवाई अड्डे पर भाजपा के राज्य अल्पसंख्यक मोर्चा के नेताओं ने उनका स्वागत किया।
रीजीजू ने हवाई अड्डे पर पत्रकारों से कहा, "उर्स के इस पावन अवसर पर हम चाहते हैं कि देश में अच्छा माहौल बने। किसी को भी ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जिससे हमारे देश का सौहार्द प्रभावित हो।"
उन्होंने कहा कि चाहे हिंदू हो, मुस्लिम हो, सिख हो, ईसाई हो, पारसी हो, बौद्ध हो या जैन हो, दरगाह में सभी का स्वागत होता है।
अजमेर की स्थानीय अदालत में दरगाह के संबंधित दावे के बारे में पूछे जाने पर रीजीजू ने कहा, "मैं सिर्फ चादर चढ़ाने आया हूं।"
उन्होंने कहा, "मैं यहां किसी को कुछ दिखाने या बताने नहीं आया हूं, मैं देश के लिए (प्रधानमंत्री) का संदेश लेकर आया हूं कि हमारे देश के सभी लोग अच्छे से रहें।"
पिछले वर्ष नवंबर में अजमेर की एक अदालत ने एक याचिका स्वीकार की थी जिसमें दावा किया गया था कि दरगाह शिव मंदिर के ऊपर बनाई गई है। अदालत ने अजमेर दरगाह समिति, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को नोटिस जारी किए थे।
याचिकाकर्ता हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने प्रधानमंत्री से इस बार चादर नहीं भेजने का आह्वान किया था।
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में अजमेर दरगाह पर 'उर्स' का आयोजन किया जाता है। प्रधानमंत्री हर साल दरगाह के लिए चादर भेजते हैं।
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