देश की खबरें | टीटीडी ने भगदड़ में हुई श्रद्धालुओं की मौत पर शोक जताया, मृतकों के बच्चों को मिलेगी मुफ्त शिक्षा

तिरुपति, 10 जनवरी तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ट्रस्ट बोर्ड ने शुक्रवार को यहां हाल ही में हुई भगदड़ पर शोक व्यक्त किया और अपने संस्थानों में मृतकों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का निर्णय लिया।

इसने मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के निर्णय के अनुसार छह मृत श्रद्धालुओं के परिजनों को 'अनुबंध' पर नौकरी देने का भी निर्णय लिया।

आठ जनवरी को तिरुपति में एमजीएम स्कूल के पास बैरागी पट्टेडा और विष्णु निवासम काउंटरों पर मची भगदड़ में छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और लगभग 40 अन्य घायल हो गए थे।

यह भगदड़ तब मची, जब सैकड़ों श्रद्धालु तिरुमला पहाड़ियों पर स्थित भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए टिकट लेने के लिए धक्का-मुक्की कर रहे थे।

दस दिवसीय वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए देश भर से सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचे थे।

टीटीडी के चेयरमैन बी आर नायडू ने बोर्ड की आपात बैठक में कहा, "यह (भगदड़) बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। यह घटना नहीं होनी चाहिए थी। एक या दो लोगों की गलती के कारण इतनी बड़ी घटना हुई। बोर्ड ने इस मामले पर गहरी संवेदना व्यक्त की है।"

उन्होंने कहा, "हम सभी इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।"

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू द्वारा दिए गए न्यायिक जांच के आदेश से सच्चाई सामने आने के बाद इस आपदा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

अध्यक्ष ने कहा कि प्रत्येक मृत व्यक्ति के परिजनों को 25 लाख रुपये की अनुग्रह राशि तथा घायल तीर्थयात्रियों को दो लाख रुपये से पांच लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता देने के अलावा बोर्ड ने मृतकों के बच्चों को टीटीडी संस्थानों में मुफ्त शिक्षा देने का निर्णय लिया है।

बी आर नायडू के अनुसार, मुआवजे के चेक तैयार हैं। बोर्ड के सदस्य और स्थानीय मंत्री 11 दिसंबर या रविवार को घायल श्रद्धालुओं और मृत तीर्थयात्रियों के परिजनों को मुआवजे के चेक सौंप देंगे।

अध्यक्ष ने कहा कि टीटीडी की अनुग्रह राशि और वित्तीय सहायता के अलावा, बोर्ड के सदस्यों वी प्रशांति रेड्डी और सुचित्रा एल्ला ने मृत श्रद्धालुओं के परिवार के सदस्यों को 10-10 लाख रुपये और एम एस राजू ने तीन-तीन लाख रुपये की व्यक्तिगत वित्तीय सहायता देने की घोषणा की।

बोर्ड ने मुख्यमंत्री के निर्णय के अनुसार? छह मृतक श्रद्धालुओं के परिजनों को 'अनुबंध' पर नौकरी देने का भी निर्णय लिया है।

इसके अलावा मंदिर निकाय के अध्यक्ष ने कहा कि बोर्ड ने यह सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है कि भगदड़ जैसी घटना की पुनरावृत्ति न हो। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कोई भी कार्रवाई पीड़ितों को हुए नुकसान की भरपाई नहीं कर सकती।

इससे पहले, शुक्रवार को मंदिर प्रशासन ने हाल ही में हुई भगदड़ में घायल हुए श्रद्धालुओं के लिए विशेष दर्शन का आयोजन किया था।

मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के वादे के अनुसार, टीटीडी ने मुक्कोटी एकादशी पर वैकुंठ द्वार दर्शनम का आयोजन किया। माना जाता है कि मुक्कोटी एकादशी को भगवान वेंकटेश के दर्शन करने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है।

टीटीडी ने एक विज्ञप्ति में बताया, “मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के निर्देशानुसार, टीटीडी अधिकारियों ने तिरुपति भगदड़ की घटना में घायल हुए लोगों के लिए शुक्रवार को विशेष दर्शन की व्यवस्था की।”

जिला प्रशासन ने बाद में श्रद्धालुओं को उनके गृहनगर वापस ले जाने के लिए विशेष वाहनों की भी व्यवस्था की।

तिरुपति के जिलाधिकारी एस वेंकटेश्वर ने बताया कि 32 घायल श्रद्धालुओं को श्री वेंकटेश्वर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसवीआईएमएस) से छुट्टी दे दी गई है।

उन्होंने बताया कि जिन पांच अन्य श्रद्धालुओं की हालत स्थिर है, उन्हें बाद में छुट्टी दी जा सकती है।

इस बीच, मुक्कोटी एकादशी के अवसर पर आयोजित वैकुंठ द्वार दर्शनम को सभी श्रद्धालुओं ने बड़ी धार्मिक आस्था के साथ मनाया।

विज्ञप्ति के मुताबिक, “अभिषेकम के बाद सुबह द्वार दर्शनम शुरू हुआ। अधिकारियों ने श्रद्धालुओं की संतुष्टि के लिए आधे घंटे पहले ही दर्शन शुरू कर दिए। पूरा तिरुमला ‘गोविंदा... गोविंदा’ के जयघोष से गूंज उठा और श्रद्धालुओं का धार्मिक उत्साह हर जगह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता था।”

मंदिर प्रशासन के अनुसार, वीआईपी दर्शनों को कम कर आम श्रद्धालुओं को प्राथमिकता दी गई। टीटीडी के एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को प्रति घंटे 4,000 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।

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