देश की खबरें | एससी/एसटी के उत्थान के लिए 2014 से पहले राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी थी : धामी

देहरादून, 11 दिसंबर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनुसूचित जाति, दलित और आदिवासी समुदायों को विकास के पथ पर आगे बढ़ाने के लिए नए प्रयोग शुरू किए जबकि 2014 से पहले की सरकारों में इन वर्गों के उत्थान के लिए काम करने की राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी थी।

अनुसूचित जाति के लोगों के प्रतिनिधियों के सम्मेलन में धामी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में न केवल केंद्र, बल्कि राज्य सरकारें भी इन वर्गों के हित को ध्यान में रखकर योजनाएं बना रही हैं।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) कल्याण के लिए बजटीय आवंटन साल-दर-साल बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि 50 प्रतिशत एससी/एसटी आबादी वाले गांवों को मॉडल गांवों के रूप में विकसित करने के लिए गोद लिया गया और उज्ज्वला योजना और आयुष्मान भारत योजना जैसी योजनाओं में प्राथमिकता दी गई।

धामी ने कहा कि अनुच्छेद 370 निरस्त करने से पहले जम्मू-कश्मीर एकमात्र राज्य था जहां एससी/एसटी समुदाय के लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलता था लेकिन अब उन्हें ये लाभ मिलने शुरू हो गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रामनाथ कोविंद और द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति बनना डॉ. भीमराव आंबेडकर और दीन दयाल उपाध्याय के दृष्टिकोण को साकार करना है, जिनके लिए एक राष्ट्र के उदय का मतलब सामाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक सत्ता का पहुंचना है।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में उनके दृष्टिकोण को वास्तविकता में बदला जा रहा है। छत्तीसगढ़ का अगला मुख्यमंत्री भी आदिवासी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है। यह भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों और आदर्शों का सम्मान करना है।’’

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