कैनबरा, पांच नवंबर : हर साल विश्वविद्यालय के प्रथम वर्ष में हम छात्रों से एक सवाल पूछते हैं: कितने छात्रों को उनके स्कूल के शिक्षकों ने विकीपीडिया का इस्तेमाल न करने को कहा? तकरीबन हर हाथ इस पर खड़ा होता है. विकीपीडिया निशुल्क और विश्वसनीय सूचना देता है. तो फिर दुनियाभर में हर जगह शिक्षक इस पर इतना विश्वास क्यों नहीं करते?
विकीपीडिया में तटस्थता और विश्वसनीयता संबंधी समुदाय द्वारा लागू नीतियां हैं. इसका मतलब है कि सभी सूचनाओं को ‘‘सटीक तरीके से और बिना किसी पक्षपात के पेश किया जाना चाहिए.’’ विकीपीडिया निशुल्क, गैर लाभकारी है और दो दशकों से चल रहा है जिससे वह इंटरनेट की एक सफलता की कहानी बन गया है. ऐसे वक्त में जब सच्चाई को झूठ से अलग करना मुश्किल हो गया है तो विकीपीडिया तथ्यों को परखने तथा गलत सूचनाओं से लड़ने के लिए आसानी से पहुंच में आना वाला हथियार है.
विकीपीडिया इतना विश्वसनीय क्यों हैं?
कई शिक्षकों का कहना है कि न सिर्फ उस विषय के विशेषज्ञ, बल्कि कोई भी विकीपीडिया के पेज पर बदलाव कर सकता है. लेकिन इससे विकीपीडिया की सूचना अविश्वसनीय नहीं हो जाती है. वर्चुअल रूप से गलत सूचनाओं के विकीपीडिया पर बने रहना असंभव है. मशहूर लेखों के लिए विकीपीडिया का स्वयंसेवकों, प्रशासकों और स्वचालित प्रोग्राम का ऑनलाइन समुदाय यह सुनिश्चित करता है कि उसमें संपादन विश्वसनीय उद्धरणों पर आधारित हो. मशहूर लेखों को हजारों बार पढ़ा जाता है. जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के कम्प्यूटिंग सेंटर के प्रोफेसर एमी ब्रकमैन जैसे कुछ मीडिया विशेषज्ञ ने दलील दी कि परिश्रम भरी इस प्रक्रिया के कारण विकीपीडिया पर कई बार संपादित लेख सूचना का सबसे अधिक विश्वसीनय स्रोत हो सकता है.
वैज्ञानिक साक्ष्यों के सर्वाधिक आम स्रोत माने जाने वाले पारंपरिक अकादमिक लेख आम तौर पर ज्यादा से ज्यादा तीन लोग समीक्षा करते हैं और फिर उनका कभी संपादन नहीं किया जाता है.
विकीपीडिया पर कम बार संपादित हुए लेख मशहूर लेखों के मुकाबले कम विश्वसनीय हो सकते हैं. लेकिन यह पता लगाना बहुत आसान है कि विकीपीडिया पर कैसे कोई लेख लिखा जाता है और उसका संपादन किया जाता है. किसी लेख में सभी तरह के बदलाव उसके ‘‘हिस्ट्री’’ पेज में चले जाते हैं. लेख की सामग्री को लेकर संपादकों के बीच विवादों को उसके ‘‘टॉक’’ पेज में दर्ज किया जाता है. विकीपीडिया का प्रभावी तरीके से इस्तेमाल करने के लिए स्कूली छात्रों को किसी लेख के इन पेजों को ढूंढने के बारे में सिखाया जाना चाहिए ताकि वे जल्दी से लेख की विश्वसनीयता का आकलन कर सकें.
क्या विकीपीडिया मीडिया साक्षरता का बेहतर औजार हो सकता है?
अनुसंधान से पता चलता है कि ऑस्ट्रेलियाई बच्चों को फर्जी खबरें पहचानने के लिए पर्याप्त दिशा निर्देश नहीं मिल रहे हैंऑस्ट्रेलिया में 2020 में हर पांच छात्रों में से केवल एक ने पिछले साल के दौरान इस बारे में सीखने की बात कही जिससे उन्हें यह फैसला करने में मदद मिली कि क्या समाचारों पर भरोसा किया जा सकता है. हमारे छात्रों को और अधिक मीडिया साक्षरता शिक्षा की आवश्यकता है और विकीपीडिया मीडिया साक्षरता का अच्छा उपकरण हो सकता है. छात्रों को अगर कोई ऑनलाइन दावा अटपटा लगता है तो वे उस वेब पेज को छोड़ सकते हैं और एक नया ब्राउजर टैब खोल सकते हैं. वे यह पता लगा सकते हैं कि विश्वसनीय सूत्रों का इस दावे के बारे में क्या कहना है. भविष्य में हम उम्मीद करते हें कि जब विश्वविद्यालय में प्रथम वर्ष के छात्र आएंगे तो उन्हें विकीपीडिया की कीमत की समझ होगी. जलवायु परिवर्तन और महामारियों के दौर में हर किसी को कल्पना से तथ्य को अलग करना आना चाहिए. विकीपीडिया इसका हिस्सा हो सकता है.