छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बल के जवानों की आपसी गोलीबारी की घटनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जवानों का मानसिक तनाव दूर करने के लिए विशेष कदम उठाने के लिए कहा है. राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने सोमवार को यहां बताया कि मुख्यमंत्री बघेल ने पुलिस और अर्ध सैनिक बलों के जवानों के मानसिक तनाव को दूर करने के लिए विशेष कदम उठाने का निर्देश पुलिस महानिदेशक को दिया है.बघेल ने कहा है कि कई बार सुरक्षा बल के जवानों में तनाव के कारण मामूली बातों पर आपसी विवाद के कारण हिंसक घटनाएं हो जाती हैं, जिसके लिए उनके घर वालों को पूरी जिंदगी पछताना पड़ता है जो गंभीर चिंता का विषय है.य ह भी पढ़े | SSC ने CGL, CHSL समेत कई प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम की तारीखों का ऐलान, यहां देखें परीक्षाओं का पूरा शेड्यूल.
मुख्यमंत्री ने कहा है कि जवानों को विषम और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम करना पड़ता है. जवानों में काम का बोझ, परिजनों से दूरी और मनोरंजन का अभाव, तनाव और अवसाद पैदा करने का कारण बनते हैं, इसलिए यह सुनिश्चित किया जाए कि जवानों के लिए कार्य स्थल पर अनुकूल वातावरण बने. यह भी पढ़े | चक्रवाती तूफान 'निसर्ग' को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने की NDMA के अधिकारीयों के साथ अहम बैठक.
बघेल ने कहा है कि तनाव ग्रस्त जवानों की मनोवैज्ञानिकों की मदद से नियमित रूप से काउंसलिंग की जाए। जवानों के लिए योग, खेल गतिविधियां और मनोरंजन के साधन उपलब्ध कराए जाएं जिससे उनका मानसिक तनाव दूर हो सके. उन्होंने कहा कि जवानों को छुट्टी देने की प्रक्रिया को भी सरल बनाना जरूरी है. जवानों की इकाइयों में ऐसा वातावरण बनाने का प्रयास करें कि उन्हें घर जैसा वातावरण लगे और वह अकेलापन महसूस न करें। जवानों के मेडिकल चेकअप की व्यवस्था भी समय-समय की जाए.
पिछले महीने की 29 तारीख को राज्य के नारायणपुर जिले में पुलिस शिविर में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (सीएएफ) के सहायक प्लाटून कमांडर ने अपनी सर्विस राइफल से गोलीबारी करके अपने दो साथियों को मार दिया था। इस घटना में एक अन्य जवान घायल हो गया था. इससे पहले इस वर्ष एक फरवरी को छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के ही जवान ने अपने एक साथी ही गोली मारकर हत्या कर दी थी तथा एक अन्य जवान को घायल कर दिया था. वहीं नारायणपुर जिले में पिछले वर्ष दिसंबर माह की चार तारीख को आपसी लड़ाई में भारत तिब्बत सीमा पुलिस के छह जवानों की मृत्यु हो गई थी. वहीं बीजापुर जिले में पिछले वर्ष जून महीने में आपसी लड़ाई में सीएएफ के दो जवान मारे गए थे.