नयी दिल्ली, 19 दिसंबर झांसी रेल मंडल में बृहस्पतिवार सुबह रेल की पटरी पर सिग्नल की खराबी को ठीक करते समय 31 वर्षीय एक तकनीशियन मालगाड़ी की चपेट में आ गया जिससे सिर में चोट लगने के कारण उसकी मौत हो गई।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि सिग्नल तकनीशियन गिरिराज प्रसाद झांसी रेल मंडल के बबीना रेल यार्ड में तीन लाइनों में से एक पर काम कर रहे थे। इस दौरान उन्हें मालगाड़ी के आने का पता नहीं चल पाया।
झांसी रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी मनोज सिंह ने कहा, "ट्रेन की चपेट में आने से उनके सिर में गंभीर चोटें आईं। जब तक वह अस्पताल पहुंचे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इस मामले में सभी सुरक्षा सावधानियां बरती गईं और रेल प्रशासन की ओर से कोई चूक नहीं हुई।"
हालांकि 'सिग्नल मेंटेनर्स यूनियन' ने आरोप लगाया है कि कर्मचारियों की कमी के कारण सिग्नल कर्मचारी और तकनीशियन काम के दबाव में हैं, जिसके कारण वे घातक दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं।
'इंडियन रेलवे सिग्नल एंड टेलिकॉम मेंटेनर्स यूनियन' (आईआरएसटीएमयू) के महासचिव आलोक चंद्र प्रकाश ने कहा, "मंडल से मुझे जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार प्रसाद ने बुधवार की शाम को सिग्नल की समस्या को ठीक किया था और उन्हें बृहस्पतिवार सुबह नौ बजे फिर से समस्या को ठीक करने के लिए भेजा गया था।"
उन्होंने कहा, "रेलवे में करीब 25 प्रतिशत सिग्नल मेंटेनर्स (सिग्नल की देखरेख करने वाले) की कमी है, जिसके कारण मौजूदा कर्मचारियों को रिक्त पदों की भरपाई के लिए अधिक काम करना पड़ता है। सिग्नल तकनीशियन पर चीजों का संचालन करने का अत्यधिक दबाव होता है और उस दबाव में कर्मचारी अपनी सुरक्षा के बारे में चिंतित नहीं रह पाते।"
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