मुंबई, 9 फरवरी : शिवसेना सांसद संजय राउत ने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू को लिखे एक पत्र में दावा किया है कि उनसे ‘‘कुछ लोगों’’ ने संपर्क कर महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को गिराने में सहायता करने के लिए कहा था ताकि राज्य को मध्यावधि चुनाव के लिए मजबूर किया जा सके. राज्यसभा के सभापति नायडू को लिखे पत्र में राउत ने कहा कि अपनी पुरानी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद जब शिवसेना ने महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के साथ सरकार बनाई तब से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी केंद्रीय एजेंसियां शिवसेना के नेताओं को सुनियोजित रूप से निशाना बना’’ रही हैं.
राउत ने नायडू से ‘‘सत्ता के दुरुपयोग’’ और राज्यसभा सदस्यों को कथित तौर पर परेशान किए जाने के विषय पर ध्यान देने का अनुरोध किया और कहा कि उपराष्ट्रपति को इस संबंध में कार्रवाई करनी चाहिए. शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता ने मंगलवार को नायडू को पत्र लिखा और इसकी प्रतियां कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राकांपा अध्यक्ष शरद पवार जैसे नेताओं को भी भेजीं.
राउत ने आरोप लगाया, ‘‘करीब एक महीना पहले, कुछ लोगों ने मुझसे संपर्क किया और कहा गया कि महाराष्ट्र में राज्य सरकार को गिराने में उनकी सहायता करें. वे चाहते थे कि मैं इस तरह के प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाऊं ताकि राज्य को मध्यावधि चुनाव के लिए मजबूर किया जा सके.’’ यह भी पढ़ें : COVID-19 Update: देश में धीमी पड़ी कोरोना संक्रमण की रफ्तार, लेकिन मृतकों की संख्या में हुआ इजाफा- जानें बीते 24 घंटों का हाल
राज्यसभा सदस्य ने आगे कहा कि उन्होंने ‘‘गुप्त’’ एजेंडे का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया और दावा किया कि उन्हें बताया गया था कि उनके इनकार से उन्हें ‘‘भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.’’ राउत ने नायडू को लिखे पत्र में कहा, ‘‘...मैं आपसे राज्यसभा के सदस्यों को डराने और परेशान करने के लिए सत्ता के दुरुपयोग पर न केवल ध्यान देने का आग्रह करता हूं, बल्कि कार्रवाई करने का भी आग्रह करता हूं.’’ राउत ने बुधवार को दिल्ली में पत्रकारों से चर्चा के दौरान ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों पर ‘‘भाजपा के आपराधिक सिंडिकेट’’ का हिस्सा बनने का भी आरोप लगाया. उन्होंने ईडी पर ‘‘कुछ लोगों’’ के निर्देश पर काम करने का आरोप लगाया