संभल (उप्र), 12 दिसंबर : संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान 24 नवंबर को हुई हिंसा के संबंध में तुर्क समुदाय के कुछ लोगों के खिलाफ दर्ज मामला मुरादाबाद से संभल स्थानांतरित कर दिया गया है. पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. संभल में हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे. संभल कोतवाली के थाना प्रभारी अनुज कुमार तोमर ने बताया, ‘‘मुरादाबाद के पाकबरा पुलिस थाने में शरीफ के बेटे नसीम ने मामला दर्ज कराया था और कल (बुधवार) इसे संभल स्थानांतरित कर दिया गया.’
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उन्होंने प्राथमिकी के हवाले से बताया कि नसीम ने आरोप लगाया कि 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद में अदालत के आदेश पर सर्वे के दौरान कुछ उपद्रवी इकट्ठा हुए और तुर्क समुदाय के लोगों ने गोलियां चलाईं और पथराव किया. उन्होंने कहा, "संभल के कोट गर्वी निवासी नसीम का भतीजा वसीम अपने घर के बाहर खड़ा था, तभी उसे गोली लग गई. उसे मुरादाबाद के एक अस्पताल ले जाया गया जहां उसका आपरेशन किया गया.’’ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के प्रावधानों के तहत तुर्क समुदाय के अज्ञात स्थानीय लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. यह भी पढ़ें : कांग्रेस को लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में भरोसा नहीं, ‘अराजकता’ फैलाने की कर रही है कोशिश: नड्डा
अपर पुलिस अधीक्षक श्रीश चंद्र ने कहा, ‘‘शुरुआत में मामला जीरो एफआईआर के तौर पर मुरादाबाद में दर्ज किया गया था और अब इसे औपचारिक रूप से जांच के लिए संभल कोतवाली में स्थानांतरित कर दिया गया है." दरअसल एक याचिका दाखिल कर दावा किया गया था कि जिस स्थान पर मस्जिद है वहां कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था जिसके बाद अदालत ने सर्वेक्षण का आदेश दिया था और सर्वेक्षण के दूसरे दिन इलाके में हिंसा भड़क उठी थी. उत्तर प्रदेश के आबकारी मंत्री और भाजपा नेता नितिन अग्रवाल ने पहले दावा किया था कि हिंसा स्थानीय तुर्क और पठान समुदायों के बीच वर्चस्व के संघर्ष से उपजी है.