Sambhal Violence Case: संभल हिंसा पर सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क को हाईकोर्ट से राहत, कार्यवाही पर अगले आदेश तक रोक

प्रयागराज, 9 सितंबर : इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने संभल की जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हुई हिंसा से जुड़े मामले में सपा के सांसद जिया उर रहमान बर्क (Zia ur Rehman Barq) को बड़ी राहत दी है. हाईकोर्ट ने संभल के विशेष जज (एमपी/एमएलए) कोर्ट में चल रही आगे की कार्यवाही पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. सांसद जिया उर रहमान बर्क ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर विशेष जज की अदालत में चल रही पूरी कार्यवाही को रद्द करने की मांग की है. याचिका पर जस्टिस समीर जैन की एकल पीठ सुनवाई कर रही है.

24 नवंबर 2024 को संभल स्थित जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हिंसा भड़काने का आरोप लगाते हुए सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क के खिलाफ कोतवाली थाने में एक एफआईआर दर्ज की गई थी. अब इस मामले की अगली सुनवाई तक सांसद को फिलहाल राहत मिल गई है. दरअसल, संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क उठी थी, जिसके चलते पांच लोगों की मौत हुई और 20 पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल भी हो गए थे. यह भी पढ़ें : MHADA Konkan Board Lottery: महाराष्ट्र के विधायक-विधान परिषद सदस्यों के लिए खुशखबरी! कोकण बोर्ड लॉटरी में 96 मकान आरक्षित

इस मामले में संभल पुलिस ने बर्क को मुख्य आरोपी बनाया है. हालांकि, उन्होंने सभी आरोपों से इनकार किया और कहा कि उन पर लगाए गए आरोप राजनीति से प्रेरित हैं. सांसद का तर्क है कि उनकी गिरफ्तारी से उन्हें अपूरणीय क्षति होगी और वह घटना के दौरान संभल में मौजूद नहीं थे. बर्क के अनुसार, संभल में हिंसा के दौरान वह बेंगलुरु में थे, और एफआईआर के बारे में जानने के बाद उन्होंने मामले को बढ़ने से रोकने के लिए दिल्ली में ही रहने का फैसला किया. सांसद का कहना है कि उन्होंने समुदाय के सदस्यों से संपर्क किया और उनसे शांति बनाए रखने का आग्रह किया.

संभल पुलिस ने बर्क पर हिंसा से कुछ दिन पहले मस्जिद में भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया. दावा है कि उनके बयान के बाद ही अशांति भड़की थी. इसके अलावा, एफआईआर में स्थानीय विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल का भी नाम है, जो इस घटना में कथित तौर पर शामिल है. बर्क ने अपनी याचिका में आरोपों को निराधार बताया है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आरोप उन्हें और उनकी पार्टी को निशाना बनाने के एक बड़े प्रयास का हिस्सा हैं. शाही जामा मस्जिद को मंदिर के ऊपर बनाए जाने के दावों के बाद बढ़े तनाव के बीच हिंसा भड़की. पत्थरबाजी और आगजनी के साथ स्थिति और बिगड़ गई, जिसमें कई पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हो गए.