देश की खबरें | दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि में कमी अस्थायी, आगे तेजी से बढ़ेगी अर्थव्यवस्था: सीतारमण

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नयी दिल्ली, 17 दिसंबर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 5.4 प्रतिशत की उम्मीद से कम वृद्धि दर अस्थायी स्थिति है लेकिन आने वाली तिमाहियों में वृद्धि की रफ्तार बढ़ेगी।

सीतारमण ने लोकसभा में वर्ष 2024-25 के लिए अनुदान की पहली अनुपूरक मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा, ‘‘पिछले तीन साल में देश की औसत जीडीपी दर 8.3 प्रतिशत रही है। इस दौरान सिर्फ दो तिमाहियां ऐसी हैं, जब वृद्धि दर 5.4 प्रतिशत रही है।’’

उन्होंने कहा कि जिस साल लोकसभा चुनाव होते हैं, संसाधनों का इस्तेमाल बढ़ जाता है तथा जमीनी खर्च में भी बढ़ोतरी होती है। इसके बाद अर्थव्यवस्था तेज रफ्तार से बढ़ती है।

सीतारमण ने कहा कि इस साल की दूसरी तिमाही भारत और दुनिया के कई देशों के लिए चुनौतीपूर्ण रही है।

वित्त मंत्री के जवाब के बाद सदन ने 87,762.56 करोड़ रुपये के सकल अतिरिक्त व्यय के लिए 2024-25 की अनुदान की पहली अनुपूरक मांगों और उससे संबंधित विनियोग (संख्या-3) विधेयक, 2024 को ध्वनिमत से पारित कर दिया।

सीतारमण ने कहा कि पिछले तीन साल की औसत जीडीपी दर 8.3 प्रतिशत को देखें, तो दुनिया के कई देशों की तुलना में भारत की आर्थिक वृद्धि दर वैश्विक मानकों पर बेहतर रही है।

उन्होंने कहा कि भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। इसे जनता का योगदान और सरकार की नीतियां यानी दो पहिये मिलकर चला रहे हैं।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए 15.02 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय क्षेत्रीय संपर्क, डिजिटल ढांचे, अवसंरचना आदि क्षेत्रों में कर रही है, जो देश के इतिहास में सबसे अधिक है।

उन्होंने कहा कि विनिर्माण क्षेत्रों की बात करें, तो औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में शामिल आधे क्षेत्र मजबूत हैं। ‘‘मैं अर्थव्यवस्था के तेजी से आगे बढ़ने को लेकर आशान्वित हूं।’’

सीतारमण ने चर्चा में कुछ सदस्यों के महंगाई बढ़ने के दावों को खारिज करते हुए कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति कम हुई है, और यह कोविड-महामारी के बाद सबसे निचले स्तर पर है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम खाद्य मुद्रास्फीति के बेहतर प्रबंधन के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’

वित्त मंत्री ने कहा कि देश में सब्सिडी वाली दर पर विशेष दुकानों से भारत ब्रांड आटे और दाल समेत अन्य खाद्य उत्पाद सस्ते दाम पर खरीदे जा सकते हैं। भारत ब्रांड के तहत दाल 60 रुपये प्रति किलोग्राम, आटा 30 रुपये प्रति किलोग्राम और चावल 34 रुपये प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति की पिछले 25 साल की स्थिति को देखें तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकारों में यह नियंत्रण में रही है जबकि गैर-राजग या संयुक्त प्रगतिशील (संप्रग) की सरकार में यह दहाई अंक में पहुंच गई थी।

सीतारमण ने कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति में भी यही स्थिति देखी जा रही है, वहीं ईंधन मुद्रास्फीति संप्रग-दो की सरकार में 8.9 प्रतिशत पहुंच गयी थी। यह 2014-2024 में घटकर 4.4 प्रतिशत पर आ गई।

सीतारमण ने दावा किया कि भारत के पड़ोसी देशों... नेपाल, पाकिस्तान और बांग्लादेश में जहां एलपीजी सिलेंडर के दाम 1,000 रुपये अधिक हैं, वहीं देश में उज्ज्वला लाभार्थियों के लिए एक रसोई सिलेंडर का मूल्य 503 रुपये तथा गैर-उज्ज्वला उपभोक्ताओं के लिए (दिल्ली में) इसका प्रभावी दाम 803 रुपये है।

बेरोजगारी पर विपक्षी सदस्यों की चिंताओं को खारिज करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के ‘पेरोल’ आंकड़ों के अनुसार इस साल पहली छमाही में ईपीएफओ अंशधारकों की संख्या 91.9 लाख बढ़ी है जिसमें दो-तिहाई 18 से 28 वर्ष की उम्र के हैं।

सीतारमण ने पश्चिम बंगाल को केंद्र की ओर से मनरेगा और पीएम आवास-ग्रामीण योजना के लिए लंबित धन नहीं दिए जाने के तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के आरोपों पर कहा कि राज्य में मनरेगा के धन के दुरुपयोग की बात साबित हो गई है।

उन्होंने कहा कि राज्य में मनरेगा में भ्रष्टाचार रुक जाएगा, तो उसका पूरा धन उसे दे दिया जाएगा।

वित्त मंत्री ने काले धन पर रोक लगाने के लिए भी सरकार के अनेक कदमों का उल्लेख करते हुए कहा कि 120 मामलों में कार्रवाई की गई है तथा 33,393 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति का पता चला है।

उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय पर कई तरह के आरोप लगते हैं, लेकिन उसने कई बड़े मामलों में 22,280 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है।

वैभव अजय अजय

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