Rajya Sabha Elections: हरियाणा में कांग्रेस और हुड्डा को झटका, राजस्थान में गहलोत हुए और मजबूत
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत (Photo Credit : ANI)

नयी दिल्ली, 11 जून : राज्यसभा चुनावों में कांग्रेस उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करने में विफल रही तो हरियाणा में अजय माकन की हार से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सियासी साख को झटका लगा है, हालांकि राजस्थान में कांग्रेस के तीनों उम्मीदवारों की जीत से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की स्थिति पहले से अधिक मजबूत दिखाई देती है. उदयपुर चिंतन शिविर के बाद कांग्रेस और उसके नेतृत्व के समक्ष पहली बड़ी चुनौती राज्यसभा की इन 57 सीटों के चुनाव थे और इनमें भी उन्हें विशेष रूप से राजस्थान और हरियाणा में विधायकों के पाला बदलने का डर सता रहा था. राजस्थान में पार्टी के सभी उम्मीदवार सफल रहे, लेकिन हरियाणा में कड़े मुकाबले में माकन को शिकस्त का सामना करना पड़ा. कांग्रेस को इस चुनाव में नौ सीटें मिली हैं और अब उच्च सदन में उसके सदस्यों की संख्या 32 हो जाएगी. यानी उसे तीन सीटों का फायदा होगा क्योंकि इन 57 सीटों पर चुनाव से पहले उसके सदस्यों की संख्या 29 थी. इन 29 सदस्यों में छह सदस्यों का कार्यकाल जुलाई में पूरा हो रहा है. इनमें पी चिदंबरम, जयराम रमेश और विवेक तन्खा एक बार फिर से उच्च सदन पहुंच रहे हैं.

मुख्य विपक्षी पार्टी को राजस्थान में तीन सीटें मिलने के साथ ही, छत्तीसगढ़ में राज्यसभा की दो, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में एक-एक सीट मिली हैं. कुछ महीने पहले हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में हार झेलने वाली कांग्रेस के लिए राज्यसभा चुनाव के नतीजे जरूरत राहत देने वाले हैं. पार्टी सूत्रों का कहना है कि इन नतीजों के बाद अब पार्टी के भीतर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की स्थिति और मजबूत हो सकती है क्योंकि राज्य में पार्टी की उम्मीदवारों की जीत में उनकी अहम भूमिका रही. गहलोत के लिए इन नतीजों की इस मायने में भी अहमियत है कि राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थक समय-समय पर यह मांग उठाते हैं कि राजस्थान सरकार में नेतृत्व परिवर्तन होना चाहिए. वैसे, शांति धारीवाल जैसे गहलोत के कुछ धुर समर्थक नेताओं ने कहा है कि अगला विधानसभा चुनाव भी गहलोत के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. यह भी पढ़ें : फडणवीस ने निर्दलीय विधायकों को प्रतिद्वंद्वी खेमे से दूर रखने का ‘चमत्कार’ किया : पवार

कांग्रेस के एक नेता ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर कहा, ‘‘गहलोत पहले ही कांग्रेस के वरिष्ठतम नेताओं में से एक हैं, लेकिन चिंतन शिविर के सफल आयोजन और फिर राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करके उन्होंने पार्टी में अपनी स्थिति को और मजबूत कर लिया है. फिलहाल यही सच्चाई है.’’ राजस्थान में राज्यसभा चुनाव भी बहुत कश्मकश भरा रहा है. निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा ने मंगलवार को यह दावा करके सत्तारूढ़ कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी थी कि आठ विधायक उनके समर्थन में क्रॉस वोटिंग करेंगे और वह जीत दर्ज करेंगे. राज्य की 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस में शामिल हुए बसपा के छह विधायकों सहित कांग्रेस के 108 विधायक हैं. दो विधायकों वाली भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने उसे समर्थन दिया था.

सूत्रों के अनुसार, हरियाणा का नतीजा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए झटका है क्योंकि माकन की जीत का रास्ता तैयार करने का ज्यादा दारोमदार हुड्डा के कंधों पर ही था. राज्य में वह कांग्रेस के सबसे ताकतवर नेताओं में गिने जाते हैं और पूरी ताकत लगाने के बावजूद माकन को जीत नहीं मिल सकी. हरियाणा में 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 31 सदस्य हैं जो एक सीट के लिए उसके उम्मीदवार को जिताने के लिए आवश्यक है लेकिन ‘क्रॉस-वोटिंग’ के चलते कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी फिर गया.