देहरादून, 10 अगस्त उत्तराखंड में भारी बारिश का प्रकोप जारी है जिससे विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन, जलभराव और बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए और बृहस्पतिवार सुबह दीवार गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गयी तथा एक अन्य घायल हो गया।
लगातार मूसलाधार बारिश के कारण उफान पर बह रहे नदी-नालों का पानी रिहायशी इलाकों में घुस गया जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
पुलिस ने बताया कि ऋषिकेश के पास चौरासी कुटिया क्षेत्र में एक दीवार ढह जाने से उसके मलबे में दबकर एक व्यक्ति की मृत्यु हो गयी और एक अन्य घायल हो गया। मृतक की पहचान राजस्थान के रहने वाले गजानन (84) के रूप में हुई है।
पुलिस ने बताया कि चार अगस्त को केदारनाथ यात्रा मार्ग पर गौरीकुंड में डाटपुलिया के पास हुए भूस्खलन की घटना में लापता लोगों में से एक और व्यक्ति का शव बृहस्पतिवार को बरामद हो गया जिसकी पहचान नेपाली नागरिक वीर बहादुर के रूप में हुई है।
गौरीकुंड भूस्खलन की घटना में अब तक चार शव बरामद हो चुके हैं। तीन व्यक्तियों के शव घटना वाले दिन ही मिल गए थे। कुल 23 लोग भूस्खलन की चपेट में आए थे जिसमें से 19 अब भी लापता हैं।
ऋषिकेश के निकट मुनि की रेती के खारास्रोत क्षेत्र में बुधवार रात मूसलाधार बारिश के दौरान एक नाले के उफान पर बहने के कारण करीब 80-100 मकानों में पानी घुस गया जिसके बाद राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) ने एक अभियान चलाकर 50 से ज्यादा लोगों को बाहर निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
मुनि की रेती नगरपालिका द्वारा पम्प की सहायता से पानी निकाला गया। सूचना मिलने पर अधिकारियों के साथ प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल भी रात को मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।
इसी तरह, ऋषिकेश के ढालवाला क्षेत्र में निचले इलाके में बाढ़ के खतरे को देखते हुए वहां से भी लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।
उधमसिंह नगर जिले के काशीपुर क्षेत्र में कई मकानों में बारिश का पानी घुस गया और यहां से 80 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के कारण सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और राष्ट्रीय राजमार्गों सहित अन्य सड़कों के भूस्खलन के कारण बार-बार बंद होने और खुलने का सिलसिला जारी है। इससे बच्चों को भी स्कूल जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
टिहरी में मालाकुंती, तिमलापानी, अटाली और शिवपुरी में जगह-जगह पहाड़ से भूस्खलन का मलबा आने से ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित है।
टिहरी के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी बृजेश भट्ट ने बताया कि सीमा सड़क संगठन, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और स्थानीय प्रशासन मार्ग को खोलने के काम में लगे हुए हैं।
ऋषिकेश-गंगोत्री राजमार्ग भी टिहरी में भद्रकाली से तीन किलोमीटर दूर नरेंद्रनगर की ओर मलबा आने से अवरुद्ध है। तेज बारिश के कारण सड़क खोलने में अभी दिक्कत आ रही है। प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर फिलहाल करीब 200 छोटी-बड़ी सड़कें भूस्खलन के कारण बंद हैं।
मौसम विभाग की भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए पौड़ी, चमोली, बागेश्वर, नैनीताल और चंपावत जिलों में पहली से 12वीं कक्षा तक के स्कूलों में छुट्टी रही।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)