मुंबई, 16 मार्च : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मध्य मुंबई में डॉ. बी आर आम्बेडकर के स्मारक चैत्यभूमि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करके तथा संविधान की प्रस्तावना पढ़कर अपनी 63-दिवसीय ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का यहां समापन किया. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के साथ उनकी बहन एवं पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा भी थीं. उन्होंने डॉ. आम्बेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की और संविधान की प्रस्तावना पढ़ी. मणिपुर से 14 जनवरी को शुरू हुई यह यात्रा शनिवार को 63वें दिन पड़ोसी ठाणे से मुंबई में प्रवेश कर गई.
गांधी रविवार सुबह मुंबई में मणि भवन से अगस्त क्रांति मैदान तक 'न्याय संकल्प पदयात्रा' करेंगे. विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ रविवार को शक्ति प्रदर्शन के लिए एक रैली आयोजित करेगा. इस कार्यक्रम में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव और समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव हिस्सा लेने वाले हैं. यह ही पढ़ें : ‘Jan Nyay Padyatra’: मुंबई के मणि भवन संग्रहालय से कांग्रेस की ‘जन न्याय पदयात्रा’ शुरू, राहुल, प्रियंका और अभिनेत्री स्वरा भास्कर शामिल, देखें वीडियो
इससे पहले, राहुल ने धारावी क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित करते हुए जातिगत जनगणना के कांग्रेस के वादे को दोहराया और कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो गरीब महिलाओं को उनके बैंक खातों में हर साल एक लाख रुपये मिलेंगे. उन्होंने अडाणी समूह को दी गई धारावी के पुनर्विकास से संबंधित परियोजना का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘धारावी आपकी है और आपकी ही रहनी चाहिए. आपके कौशल का सम्मान किया जाना चाहिए और इस स्थान को देश का विनिर्माण केंद्र बनना चाहिए.’’
उन्होंने आरोप लगाया कि देश की संपत्ति कुछ कॉरपोरेट घरानों को दी जा रही है. राहुल ने कहा, ‘‘धारावी आपकी अपनी जमीन है, लेकिन सरकार इसे दलालों के माध्यम से हासिल करने की कोशिश कर रही है. धारावी पुनर्विकास परियोजना के लिए निवासियों को बाहर निकालने के लिए पुलिस बल का इस्तेमाल किया जा रहा है.’’
उन्होंने कहा कि धारावी वास्तविक अर्थों में ‘मेक इन इंडिया’ है और इसे भारत का विनिर्माण केंद्र बनाया जाना चाहिए.
इस बीच, अडाणी की धारावी पुनर्विकास परियोजना प्राइवेट लिमिटेड (डीआरपीपीएल) ने गांधी के आरोपों को खारिज किया.
उसने कहा कि पक्षपात के आरोपों के विपरीत, चयन पूरी तरह से योग्यता पर आधारित था, जिसमें अडाणी समूह ने एक निविदा में उच्चतम बोली लगाई. डीआरपीपीएल ने कहा कि निविदा के नियमों और शर्तों को पिछली महा विकास आघाडी सरकार के दौरान अंतिम रूप दिया गया था, जिसमें कांग्रेस भी शामिल थी. एक बयान में कहा गया, ‘‘पूरी मुंबई को अडाणी को बेचने के आरोप बेतुके, दुर्भावनापूर्ण और निराधार’’ हैं.