कोलंबो, 19 अप्रैल श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका के सकारात्मक पहलुओं को शामिल करके लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए संविधान में संशोधन का एक प्रस्ताव पेश कर सकते हैं। मंगलवार को कई खबरों में यह जानकारी दी गई।
यह प्रस्ताव ऐसे समय में पेश किया जा रहा है, जब श्रीलंका अप्रत्याशित आर्थिक संकट से जूझ रहा है और लोग लगातार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
राजपक्षे ने कहा कि वह लोगों के प्रति जवाबदेह सरकार बनाने के लिए विभिन्न हलकों के अनुरोधों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं।
‘कोलंबो पेज’ की खबर के अनुसार, उन अनुरोधों के आधार पर, वह कैबिनेट में कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका के सकारात्मक पहलुओं को शामिल करते हुए एक संवैधानिक संशोधन के लिए एक नया प्रस्ताव पेश कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने सोमवार को एक बयान में कहा, ‘‘ मुझे उम्मीद है कि संशोधित संविधान लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम होगा।’’
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘ प्रधानमंत्री के कैबिनेट को एक संवैधानिक संशोधन प्रस्ताव देने की उम्मीद है, जिसमें कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका शामिल होंगे।’’
श्रीलंका 1948 में ब्रिटेन से आजाद होने के बाद से सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है। देश में विदेशी मुद्रा की भारी कमी हो गई है, जिससे वह खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर पा रहा है।
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