जम्मू, 20 दिसंबर : कांग्रेस की जम्मू कश्मीर इकाई ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करते हुए लगातार दूसरे दिन भी प्रदर्शन जारी रखा और विरोध में यहां एक रैली आयोजित की. प्रदर्शनकारियों ने राज्यसभा में बी. आर. आंबेडकर पर टिप्पणी को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग भी की. कांग्रेस ने शाह से उनकी टिप्पणी के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग दोहराई और दावा किया कि यह आंबेडकर का अपमान है तथा उनके इस्तीफे की मांग की. कांग्रेस की जम्मू कश्मीर इकाई के अध्यक्ष तारिक हामिद कर्रा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं, नेताओं, पूर्व मंत्रियों और पूर्व विधायकों ने शाह की टिप्पणी के विरोध में सतवारी चौक पर मार्च निकाला.
कांग्रेस के झंडे और तख्तियां लेकर प्रदर्शनकारियों ने शाह और भाजपा के खिलाफ नारे लगाए तथा उनके (शाह के) इस्तीफे की मांग की. पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी ने प्रदर्शनकारियों को रोका, जिसके कारण थोड़ी झड़प हुई. कर्रा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘एक तरफ संसद में संविधान पर चर्चा हो रही थी और दूसरी तरफ केंद्रीय गृह मंत्री ने आंबेडकर के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. महान नेता का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.’’ उन्होंने शाह पर संसद में ‘एक देश, एक चुनाव’ (ओएनओई) पर चर्चा के दौरान ध्यान भटकाने वाली रणनीति अपनाने का आरोप लगाया. कर्रा ने कहा, ‘‘(विपक्षी दलों के) गठबंधन के विरोध के कारण ओएनओई पर आम सहमति बनाने में अपनी विफलता से ध्यान हटाने के लिए उन्होंने स्थिति को नाटकीय बना दिया. उन्होंने राहुल गांधी को भी दोषी ठहराया और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई.’’ यह भी पढ़े : राजस्थान: जयपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग पर एलपीजी टैंकर सहित कई वाहन जले, 11 लोगों की मौत
उन्होंने कहा कि शाह की टिप्पणी देश की जनता और बाबासाहेब आंबेडकर का सीधा अपमान है. उन्होंने शाह के इस्तीफे और औपचारिक माफी की मांग करते हुए कहा, ‘‘हम ऐसे बयानों को बर्दाश्त नहीं कर सकते. हम उन्हें भविष्य में ऐसी टिप्पणी करने के खिलाफ चेतावनी देते हैं.’’ ‘दलित ओबीसी माइनॉरिटी (डीओएम) कन्फेडरेशन’ ने भी शाह की टिप्पणी के खिलाफ जम्मू में विरोध प्रदर्शन किया. उधमपुर में ‘आंबेडकर वेलफेयर ट्रस्ट’ ने भी शाह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और उनसे माफी की मांग की.