नयी दिल्ली, 30 नवंबर सूफी संत मोइनुद्दीन चिश्ती की अजमेर स्थित दरगाह के शिव मंदिर पर निर्मित होने का दावा करते हुए दीवानी वाद दायर करने वाले हिंदू सेना के प्रमुख विष्णु गुप्ता ने शनिवार को पुलिस में एक शिकायत देकर याचिका के सिलसिले में धमकी मिलने का दावा किया गया है।
गुप्ता ने कहा कि फोन पर धमकी मिलने के बाद उन्होंने दिल्ली के बाराखम्बा रोड पुलिस थाने में एक शिकायत दायर की। उन्होंने बताया कि इनमें से एक कॉल भारतीय नंबर से आई जबकि दूसरी कनाडा से आई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘कनाडा से फोन करने वाले व्यक्ति ने अजमेर अदालत में याचिका दायर करने को लेकर मेरा सिर कलम करने की धमकी दी। उसने धमकी दी कि मैंने अजमेर दरगाह के बारे में याचिका दायर कर बड़ी गलती की है।’’
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘शिकायत अपराह्न करीब तीन बजे दायर की गई और हम इस पर गौर कर रहे हैं। उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी।’’
गुप्ता ने कहा कि वह ऐसी धमकियों से नहीं डरेंगे।
उन्होंने मांग की है कि राजस्थान के अजमेर स्थित दरगाह को संकट मोचन महादेव मंदिर घोषित किया जाए और हिंदुओं को वहां पूजा करने का अधिकार दिया जाए।
अदालत ने बुधवार को दरगाह समिति, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को नोटिस जारी कर गुप्ता द्वारा दायर याचिका पर जवाब मांगा।
याचिका स्वीकार करने और तीनों पक्षों को नोटिस भेजने के अदालत के कदम से एक बड़ा विवाद पैदा हो गया है। मुस्लिम नेताओं ने इसे सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने का प्रयास बताया है।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है, जब उत्तर प्रदेश में मंदिर-मस्जिद से जुड़े कई ऐसे ही मुकदमों को लेकर तनाव बढ़ रहा है।
अजमेर मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी।
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