विदेश की खबरें | पाकिस्तान के गृह मंत्री ने ‘इस्लामाबाद की रक्षा’ का लिया संकल्प, इमरान समर्थक राजधानी की ओर बढ़े
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

इस्लामाबाद, 24 नवंबर पाकिस्तान के गृहमंत्री मोहसिन नकवी ने रविवार को ‘इस्लामाबाद की सुरक्षा’ का संकल्प लिया, जबकि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के हजारों समर्थक भारी सुरक्षा बलों की तैनाती और मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं पर रोक के बीच विरोध प्रदर्शन करने के लिए संघीय राजधानी के लिए कूच कर रहे हैं।

जेल में बंद 72 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री खान ने 13 नवंबर को, 24 नवंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के लिए ‘‘अंतिम आह्वान’’ किया था। उन्होंने जनादेश की चोरी, लोगों की अन्यायपूर्ण गिरफ्तारी और 26वें संशोधन के पारित होने की निंदा की और कहा कि इसने ‘‘तानाशाही शासन’’ को मजबूत किया है।

खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी ने जनता से ‘‘गुलामी की बेड़ियां तोड़ने’’ के लिए मार्च में शामिल होने का आह्वान किया है।

गृह मंत्री ने डी-चौक का दौरा किया जहां खान की पार्टी प्रदर्शन करने की योजना बना रही है। डी-चौक कई महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों के करीब स्थित है जिनमें राष्ट्रपति आवास, प्रधानमंत्री कार्यालय, संसद और उच्चतम न्यायालय मौजूद है। इलाके की निगरानी के लिए पुलिस और फ्रंटियर कांस्टेबुलरी के साथ रेंजर्स को तैनात किया गया है।

नकवी ने मीडिया से कहा कि सरकार को सख्त सुरक्षा उपाय करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने कहा, ‘‘एक विकल्प यह है कि हम उन्हें आने दें और इस्लामाबाद को पंगु बना दें। दूसरा विकल्प इस्लामाबाद की सुरक्षा करना है।’’

गृहमंत्री ने कहा कि डी-चौक की ओर मार्च करने वालों को गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नाकेबंदी ‘‘पिछली बार जितने बुरे नहीं थे’’ और सरकार असुविधा से जूझ रहे लोगों को यथासंभव राहत देने की कोशिश कर रही है।

नकवी ने कहा, ‘‘जिस क्षेत्र में उन्होंने (पीटीआई ने) विरोध प्रदर्शन बुलाया है वह इस्लामाबाद का अति संवेदनशील इलाका है, जिसकी निगरानी आईजी (महानिरीक्षक) और डीआईजी (उप महानिरीक्षक) करते हैं।’’

उन्होंने यह भी कहा कि मोबाइल सेवाएं अभी भी चालू हैं, हालांकि कुछ क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है।

नकवी ने विरोध प्रदर्शन के समय की आलोचना करते हुए कहा कि प्रदर्शनकारी उसी मार्ग का उपयोग कर रहे थे, जिससे बेलारूस के प्रतिनिधिमंडल को गुजरना है।

उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप विरोध करना चाहते हैं तो यह आपका अधिकार है, लेकिन आपको पता है कि कौन आ रहा है और फिर भी आप सड़कें अवरुद्ध कर रहे हैं तथा परेशानी पैदा कर रहे हैं।’’

सूचना मंत्री अत्ता तरार ने एक अलग बयान में कहा कि शहर में कुछ मार्ग बंद हैं, जबकि अन्य रास्ते अभी भी खुले हैं। उन्होंने कहा, ‘‘शहर को बंद करने के लिए जिम्मेदार लोग पीटीआई के हैं।’’

सरकार ने सड़क पर अवरोधक लगाने की वजह से इस्लामाबाद में शैक्षणिक संस्थानों के लिए सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है।

इस बीच, खान के समर्थक अभी भी संघीय राजधानी से दूर हैं और यह स्पष्ट नहीं है कि वे गंतव्य तक कब पहुंचेंगे।

संघीय सरकार ने प्रदर्शन के मद्देनजर श्रीनगर राजमार्ग, जीटी रोड और एक्सप्रेसवे सहित पूरे शहर में मार्गों पर कंटेनर रख दिए हैं, जिससे डी-चौक, इस्लामाबाद हवाई अड्डे और न्यू मर्गल्ला रोड पर ए-11 प्वाइंट क्षेत्रों में आसानी से नहीं पहुंचा जा सकता है। डी चौक के नजदीक ही राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कार्यालय, संसद और उच्चतम न्यायालय की इमारत है।

इससे पहले दिन में खान की पत्नी बुशरा बीबी और खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर के नेतृत्व में एक काफिला पेशावर से इस्लामाबाद के लिए रवाना हुआ है।

समाचार चैनल जियो न्यूज के मुताबिक, बुशरा बीबी पेशावर से शुरू हुए काफिले का हिस्सा थीं, लेकिन खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे। इससे पहले कहा गया था कि बुशरा बीबी विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं होंगी।

खैबर पख्तूनख्वा सरकार के प्रवक्ता मुहम्मद अली सैफ ने कहा कि बाधाओं को हटाने के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि शनिवार रात पुलिस ने अवरोधक हटाने वाली मशीनरी पर गोलियां चलाईं और उसे आग लगाने की कोशिश की, लेकिन पीटीआई समर्थकों ने आगजनी की कोशिश को नाकाम कर दिया।

सैफ ने कहा कि सरकार के पास उनकी मांगों को पूरा करने के लिए अब भी समय है। उन्होंने चेतावनी दी कि यहां बांग्लादेश जैसी स्थिति हो सकती है, जहां अगस्त में छात्रों के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के कारण लंबे समय से प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना की सरकार गिर गई थी।

खान की पार्टी ने विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए विभिन्न शहरों से इस्लामाबाद के लिए रवाना हो रहे विभिन्न समूहों की तस्वीरें और वीडियो साझा किए।

रावलपिंडी के फैजाबाद क्षेत्र से करीब 16 प्रदर्शनकारियों को तब गिरफ्तार किया गया, जब वे इस्लामाबाद में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे थे।

नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता और पीटीआई नेता उमर अयूब खान ने कहा कि उनका लक्ष्य राजधानी तक पहुंचना है।

उन्होंने कहा, ‘‘एबटाबाद और मनसेहरा से भी काफिले हमारे साथ जाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि उनका मिशन पीटीआई संस्थापक को रिहा कराना है।

इंटरनेट पर निगरानी करने वाले नेटब्लॉक्स ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में कहा कि पाकिस्तान में व्हाट्सऐप को प्रतिबंधित कर दिया गया है।

गृह मंत्रालय ने कहा कि अदालती आदेश के अनुसार, इस्लामाबाद में किसी भी प्रकार के विरोध प्रदर्शन या धरने की अनुमति नहीं दी जाएगी तथा सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करने के किसी भी प्रयास के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

खान ने एक बयान में जनता से विरोध प्रदर्शन के लिए एकजुट होने का आग्रह किया तथा इसे स्वतंत्रता और न्याय के लिए एक आंदोलन बताया।

संघीय सरकार ने किसी भी गैरकानूनी विरोध प्रदर्शन के खिलाफ चेतावनी दी है तथा कहा है कि किसी को भी न्यायिक आदेशों का उल्लंघन करते हुए प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी तथा उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।

पाकिस्तान से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के अनुसार, पाकिस्तान रेलवे ने खान की पार्टी के प्रदर्शन के मद्देनजर लाहौर, रावलपिंडी और पेशावर के बीच सभी ट्रेन सेवाओं को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा 24 नवंबर, रविवार के लिए सभी 25 ट्रेन की बुकिंग भी रद्द कर दी है। रेलवे ने कहा कि यात्रियों को उनकी टिकट का पैसा तुरंत वापस कर दिया जाएगा।

इस्लामाबाद और रावलपिंडी में मेट्रो बस सेवाओं सहित सार्वजनिक परिवहन रोक दिया गया है, तथा दोनों शहरों को जोड़ने वाले फैजाबाद के सभी बस टर्मिनलों पर अवरोधक लगा दिये गए हैं।

इस्लामाबाद में 18 नवंबर से धारा 144 लागू है, जिसके तहत लोग एकत्र नहीं हो सकते। दूसरी ओर, पंजाब सरकार ने भी 23 नवंबर से 25 नवंबर तक पूरे प्रांत में धारा 144 लगा दी है, जिसके तहत विरोध प्रदर्शन, जनसभाएं, रैलियां और धरने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

इमरान खान (72) को 2022 में अविश्वास प्रस्ताव के जरिये सत्ता से अपदस्थ कर दिया गया था और उसके बाद उनके खिलाफ दर्जनों मामले दर्ज किये गए थे। वह पिछले साल से रावलपिंडी की अडियाला जेल में हैं। उनकी पार्टी के अनुसार, खान 200 से अधिक मुकदमों का सामना कर रहे हैं; उनमें से कुछ में उन्हें जमानत मिल गई है, कुछ अन्य में दोषी ठहराया गया है, और कुछ और के लिए सुनवाई चल रही है।

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