गाजा, 28 नवंबर : हमास ने कहा कि वह इजरायल-हिजबुल्लाह सीजफायर डील के बाद गाजा पट्टी में किसी भी संघर्ष विराम प्रयास में सहयोग करने के लिए तैयार है. फिलिस्तीनी ग्रुप ने कहा, "हम लेबनान में समझौते की प्रगति पर नजर रख रहे हैं, ताकि गाजा में आग को रोकने के किसी भी प्रयास में सहयोग करने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की जा सके." समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने एक प्रेस बयान के हवाले से यह जानकारी दी. बयान में हमास ने उन शर्तों का भी जिक्र किया जिन्हें वह समझौते के लिए जरूरी मानता हैं. इनमें शामिल हैं- कब्जा करने वाली सेनाओं (इजरायली आर्मी) की वापसी, विस्थापित लोगों की घर वापसी, वास्तविक और पूर्ण प्रिजनर एक्सचेंज.
बयान में हमास ने अरब और इस्लामी देशों तथा 'स्वतंत्र विश्व की ताकतों' से गंभीर कदम उठाने, अमेरिका और इजरायल पर 'फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ उनके क्रूर आक्रमण' को रोकने के लिए दबाव डालने की अपील की. इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच युद्ध विराम लेबनान में स्थानीय समयानुसार बुधवार सुबह 4 बजे (02:00 जीएमटी/सुबह 7:30 बजे भारतीय समय) लागू हो गया. यह भी पढ़ें :ऑस्ट्रेलिया: बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध से संबंधित विधेयक पर सीनेट में चर्चा
इससे पहले मंगलवार को यूएस प्रेसिडेंट जो बाइडेन ने कहा कि इजरायल और लेबनान के बीच हुए युद्ध विराम समझौते के बाद लेबनानी सेना एक बार फिर अपने क्षेत्र पर कब्जा कर लेगी. उन्होंने कहा, "अगले 60 दिनों में, इजरायल धीरे-धीरे अपनी बाकी सेना को वापस बुला लेगा - दोनों पक्षों के नागरिक जल्द ही सुरक्षित रूप से अपने समुदायों में वापस लौट सकेंगे और अपने घरों का पुनर्निर्माण शुरू कर सकेंगे."
जो बाइडेन ने अपने भाषण में गाजा में लड़ाई रुकने का भी समर्थन किया. उन्होंने कहा, "जिस तरह लेबनान के लोग सुरक्षा और समृद्धि के भविष्य के हकदार हैं, उसी तरह गाजा के लोग भी हैं. वे भी लड़ाई और विस्थापन के अंत के हकदार हैं."
7 अक्टूबर इजरायल में हमास के बड़े हमले के जवाब में यहूदी राष्ट्र ने फिलिस्तीनी ग्रुप के कब्जे वाली गाजा पट्टी में सैन्य अभियान शुरू किया था. हमास के हमले में करीब 1200 लोग मारे गए थे जबकि 250 से अधिक लोगों को बंधक बनाया गया था. इजरायली हमलों ने गाजा में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है और हजारों फिलिस्तीनियों की मौत हुई है.