Maharashtra Cabinet: सीएम पर बनी बात; महायुति में अब मंत्री पदों पर खींचतान, जानें किस मंत्रालय पर किसकी नजर
Mahayuti Alliance | PTI

मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में सत्ता का समीकरण हर दिन नया मोड़ ले रहा है. मुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चा लगभग समाप्त हो चुकी है, लेकिन अब असली संघर्ष राज्य के कैबिनेट के अहम पदों के बंटवारे पर है. महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री समेत कुल 43 मंत्री बनाए जा सकते हैं. महायुती गठबंधन में बीजेपी, शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी के बीच इन पदों का बंटवारा करना किसी चुनौती से कम नहीं.

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बीजेपी का पलड़ा भारी

महायुती की सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते बीजेपी ने 21 मंत्रालयों पर दावा ठोंका है. इनमें वित्त, गृह और सामान्य प्रशासन जैसे प्रमुख विभाग शामिल हैं. इन मंत्रालयों को राजनीतिक और प्रशासनिक दबदबे के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है.

वित्त मंत्रालय पर बीजेपी की नजर

बीजेपी वित्त मंत्रालय अपने पास रखना चाहती है, ताकि राज्य के खजाने को प्रभावी ढंग से मैनेज किया जा सके. सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं, जैसे 'लाडकी बहिन योजना', को लागू करने में इस मंत्रालय की भूमिका अहम होगी. इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को 2,100 रुपये प्रति माह दिए जाने हैं, जिससे राज्य के खजाने पर बड़ा असर पड़ने की संभावना है.

गृह मंत्रालय को लेकर खींचतान

गृह मंत्रालय, जो पहले देवेंद्र फडणवीस के पास था, इस बार शिंदे गुट की शिवसेना भी इसे अपने लिए चाहती है. कानून-व्यवस्था बनाए रखना और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर प्रभाव डालना इस मंत्रालय को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बनाता है. हालांकि, फडणवीस इसे अपने पास ही रखना चाहते हैं, जिससे खींचतान तेज हो गई है.

शिंदे गुट को बड़े मंत्रालय का इंतजार

एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी छोड़कर एक बड़ा त्याग किया है. बदले में, उनकी शिवसेना को शहरी विकास, लोक निर्माण विभाग और जल संसाधन जैसे मंत्रालय मिल सकते हैं. ये मंत्रालय महाराष्ट्र के बुनियादी ढांचे और विकास में अहम भूमिका निभाते हैं.

अजित पवार का एनसीपी खेमा क्या पाएगा?

अजित पवार और उनके खेमे को 9 मंत्रालयों से संतोष करना पड़ सकता है. सूत्रों के अनुसार, उन्हें राजस्व या लोक निर्माण विभाग में से एक विभाग मिल सकता है. पिछली सरकार में अजित पवार के पास वित्त मंत्रालय था, जिसे उन्होंने अपने राजनीतिक एजेंडे के तहत प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया. इस बार बीजेपी इसे अपने पास रखना चाहती है.

दिल्ली में होगी अंतिम चर्चा

आज दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, देवेंद्र फडणवीस, शिंदे, अजित पवार और एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल के बीच एक अहम बैठक होनी है. इस बैठक में कैबिनेट के पदों और विभागों पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा. यह बैठक न केवल महायुती सरकार के भविष्य को तय करेगी, बल्कि महाराष्ट्र की राजनीति में नए समीकरण भी बनाएगी.

आने वाला समय चुनौतीपूर्ण

महाराष्ट्र सरकार को आर्थिक संकट, किसान कल्याण, महिला सुरक्षा और बुनियादी ढांचे के विकास जैसी चुनौतियों का सामना करना है. ऐसे में मंत्री पदों का सही बंटवारा सरकार की कार्यक्षमता और गठबंधन की स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण होगा.

महाराष्ट्र कैबिनेट का गठन केवल पदों का बंटवारा नहीं, बल्कि महायुती के भीतर शक्ति संतुलन का संकेत भी है. बीजेपी, शिंदे गुट और अजित पवार का खेमा इस राजनीतिक पेंच से कैसे बाहर निकलता है, यह देखना दिलचस्प होगा. फिलहाल, राज्य की नजरें दिल्ली पर टिकी हैं, जहां से महाराष्ट्र के सत्ता समीकरण की तस्वीर साफ होगी.