कराची, 20 सितंबर पाकिस्तान के सिंध सूबे में भीड़ ने ईशनिंदा के आरोपी एक चिकित्सक का शव परिवार को दफनाने नहीं दिया बल्कि जबरन जला दिया। चिकित्सक को सिंध सूबे में एक पुलिस कर्मी ने गोली मार दी थी।
डॉ. शाहनवाज कंबर सिंध प्रांत में पुलिस के साथ गोलीबारी में मारे गए थे। उन पर ईशनिंदा का आरोप था, जिसके बाद उन्हें बुधवार रात कराची से लगभग 250 किलोमीटर उत्तर पूर्व में मीरपुरखास जाना पड़ा था।
पुलिस के मुताबिक चिकित्सक ने आत्मसमर्पण करने से इनकार कर दिया था और भागने की कोशिश कर रहा था जिसकी वजह से गोली मारनी पड़ी।
कंबर के शव को दफनाने के लिए बृहस्पतिवार शाम को परिवार को सौंपा गया। उनके परिवार में तीन बेटे, एक बेटी और पत्नी हैं।
स्थानीय पुलिस अधिकारी शकूर राशिद ने बताया, ‘‘ परिवार शव को दफनाने के लिए अपने पैतृक गांव जन्हेरो ले गया, तभी भीड़ जमा हो गई और शव सौंपने की मांग करने लगी।’’
राशिद ने बताया कि भीड़ द्वारा घेरे जाने के बाद परिवार के सदस्य शव को दफनाए बिना वहां से भाग गए। उन्होंने कहा कि भीड़ ने पीछे रह गई एक कार में कंबर का शव देखा और उसे आग के हवाले कर दिया।
इससे पहले उमरकोट शहर की पुलिस ने फेसबुक पर कथित तौर पर ‘ईशनिंदा सामग्री’ पोस्ट करने के मामले में पाकिस्तान दंड संहिता की धारा-295सी के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।
इससे पहले चिकित्सक को पकड़ने भीड़ उसके क्लीनिक में आई थी लेकिन वह किसी तरह भागने में कामयाब रहा। इसके बाद इस सप्ताह के शुरुआत में उमरकोट की स्थानीय मस्जिद के मौलाना साबिर सोमरू ने ईशनिंदा की प्राथमिकी दर्ज कराई।
चिकित्सक को जहां पर गोली मारी गई वहां के थाना प्रभारी नियाज खोसो ने संदिग्ध के मारे जाने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि चिकित्सक और उसके साथियों ने पुलिस पर गोली चलाई, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई की गई।
कंबर ने होटल से एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया था और दावा किया कि उसके आकउंट को हैक कर ईशनिंदा सामग्री पोस्ट की गई और वह ऐसा करने के बारे में सोच भी नहीं सकता।
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