मुंबई, 14 फरवरी : ‘फेसबुक लाइव’ के दौरान शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) के नेता अभिषेक घोसालकर की गोली मारकर कथित तौर पर हत्या करने वाले मौरिस नोरोन्हा ने पिस्तौल के इस्तेमाल के तरीके यूट्यूब और उसके अंगरक्षक से सीखे थे. अपराध शाखा के एक अधिकारी ने बुधवार को कहा. पुलिस ने बताया कि नोरोन्हा ने मुंबई के बोरीवली इलाके में आईसी कॉलोनी स्थित अपने कार्यालय में आठ फरवरी को अपने अंगरक्षक अमरेंद्र मिश्रा की लाइसेंसी पिस्तौल से पूर्व पार्षद घोसालकर (40) की हत्या करने के बाद आत्महत्या कर ली थी. अधिकारी ने बताया कि नोरोन्हा जिसे उसके इलाके में मौरिस भाई भी कहा जाता था, आठ फरवरी से एक दिन पहले ही उस समय अपनी योजना को अंजाम देना चाहता था जब घोसालकर और वह उसके कार्यालय में मिले थे, लेकिन मिश्रा के पिस्तौल अपने साथ ले जाने के कारण नोरोन्हा के पास हथियार नहीं था.
अधिकारी ने नोरोन्हा द्वारा इंटरनेट पर पहले खोजी गई सामग्री का जिक्र करते हुए बताया कि वह आग्नेयास्त्र चलाने के तरीके संबंधी जानकारी देने वाले यू-ट्यूब वीडियो देखा करता था. उन्होंने बताया कि नोरोन्हा ने पिस्तौल लोड करने और चलाने के बारे में मिश्रा से भी जानकारी ली थी. पुलिस ने पहले कहा था कि अभिषेक घोसालकर और नोरोन्हा के बीच पहले से दुश्मनी थी. अधिकारी ने बताया कि अपराध शाखा ने इस मामले में अब तक 50 से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज किए हैं. जांचकर्ताओं को पता चला है कि घोसालकर ने एमएचबी कॉलोनी पुलिस थाने में नोरोन्हा के खिलाफ दर्ज कथित बलात्कार के मामले के बारे में अमेरिकी दूतावास को जानकारी दी थी जिससे नोरोन्हा खफा था. अधिकारी ने बताया कि नोरोन्हा को अमेरिका से लौटने के बाद मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार भी किया गया था और उसे 84 दिन जेल में बिताने पड़े थे. यह भी पढ़ें : पंजाब: लुधियाना में एलपीजी सिलेंडर में धमाके से सात लोग झुलसे
उन्होंने बताया कि घोसालकर द्वारा अमेरिकी दूतावास को दी गई सूचना के परिणामस्वरूप नोरोन्हा का अमेरिका का वीजा रद्द कर दिया गया था. मुंबई पुलिस ने नोरोन्हा के अंगरक्षक मिश्रा को शस्त्र अधिनियम की धारा 29 (बी) के तहत नौ फरवरी को गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस ने पहले कहा था कि जेल से बाहर आने के बाद नोरोन्हा अक्सर कहता था कि वह घोसालकर को ‘‘छोड़ेगा’’ नहीं. उसने बताया था कि नोरोन्हा ने पहले घोसालकर का भरोसा जीतने का फैसला किया और उनके बैनर अपने इलाके में लगाने शुरू किए. घोसालकर और नोरोन्हा ने आठ फरवरी को मुलाकात की और ‘फेसबुक लाइव’ के जरिए यह घोषणा करने का फैसला किया कि उन्होंने अपनी पुरानी दुश्मनी को भुलाने का निर्णय लिया है. ‘फेसबुक लाइव’ के दौरान घोसालकर को नोरोन्हा ने अपने कार्यालय में गोली मार दी.