राजौरी/जम्मू, 19 सितंबर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि जम्मू-कश्मीर में उनकी पार्टी के समर्थन के बिना कोई धर्मनिरपेक्ष सरकार नहीं बन सकती।
मुफ्ती ने विधानसभा के लिए 25 सितंबर को दूसरे चरण के लिए होने वाले मतदान से पहले राजौरी शहर में पार्टी उम्मीदवार के समर्थन में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आरक्षण और अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के नाम पर पहाड़ी और गुज्जर समुदाय का इस्तेमाल करने का प्रयास कर रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती ने कहा, ‘‘पीडीपी अपने गढ़ दक्षिण कश्मीर में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने जा रही है। मैं आपको बताना चाहती हूं कि हमारी पार्टी के समर्थन के बिना कोई धर्मनिरपेक्ष सरकार नहीं बन सकती।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा आरक्षण और अनुसूचित जनजाति के दर्जे के नाम पर गुज्जरों और पहाड़ियों का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रही है।
मुफ्ती ने कहा, ‘‘उन्होंने पहाड़ी समुदाय को ‘एसटी’ का दर्जा देकर कोई एहसान नहीं किया है। फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और मेरे सहित जम्मू-कश्मीर के सभी मुख्यमंत्रियों ने समय-समय पर केंद्र सरकार के समक्ष इस मुद्दे और आरक्षण के मुद्दे को उठाया है।’’
उन्होंने समुदायों को आगाह किया कि वे भाजपा के दुष्प्रचार से प्रभावित न हों और धर्मनिरपेक्ष ताकतों के समर्थन में बुद्धिमानी से मतदान करें। पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती ने कहा, ‘‘वे समुदायों को विभाजित करने और उनके वोट हासिल करने के लिए दर्जा और आरक्षण का दुरुपयोग कर रहे हैं, जबकि लोगों की मांग को पूरा करना उनकी जिम्मेदारी है।’’
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘‘भाजपा शासन में हर दिन मस्जिदें ध्वस्त की जा रही हैं और गायों को मारने के नाम पर लोगों को मारा जा रहा है। हमने जम्मू-कश्मीर में ऐसी स्थिति का सामना नहीं किया है, लेकिन यह बाहर हो रहा है।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा अयोध्या से लोकसभा चुनाव हार गई क्योंकि लोग मंदिर के लिए सड़क निर्माण के नाम पर ध्वस्तीकरण अभियान से खुश नहीं थे।
महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया, ‘‘2018 में पीडीपी-भाजपा सरकार गिरने के बाद केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी ने हमारी पार्टी तोड़ दी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें उनकी विभाजनकारी राजनीति को हराने के लिए एक साथ खड़ा होना होगा।’’
महबूबा मुफ्ती ने नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वे 1987 में एक साथ आए और कथित तौर पर चुनावों में धांधली की, जिसके परिणामस्वरूप ‘‘हम अभी भी अपने युवाओं के लिए कब्र खोद रहे हैं, क्योंकि उन्होंने अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए बंदूक उठा ली थी।’’
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘‘दोनों दल 2008 में एक बार फिर साथ आए थे और एक और कश्मीरी (अफजल गुरु) को (फरवरी 2013 में) फांसी दे दी गई। वे इस बार एक बार फिर साथ आए हैं और मुझे नहीं पता कि इसके क्या परिणाम होंगे।’’
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