
नयी दिल्ली, 13 अप्रैल दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के नवनिर्मित बराक छात्रावास में सीट आरक्षित करने की मांग के बीच विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि कोई भी छात्रावास क्षेत्र या संस्कृति के आधार पर आरक्षित नहीं है, बल्कि आधिकारिक निर्देशों के अनुरूप पूर्वोत्तर के छात्रों को प्राथमिकता दी जा रही है।
विश्वविद्यालय ने कहा कि छात्रावास आवंटन प्रक्रिया आठ अप्रैल को चरणबद्ध तरीके से शुरू हुई और ‘‘बराक छात्रावास में पूर्वोत्तर के छात्रों को प्राथमिकता दी गई है।’’
हालांकि, इस बात पर जोर दिया गया कि बराक छात्रावास सहित सभी छात्रावासों के लिए मौजूदा नीति का पालन जारी रहेगा।
विश्व विद्यालय का यह स्पष्टीकरण पूर्वोत्तर छात्र मंच (एनईएसएफ) द्वारा छात्रावास के उद्घाटन के दौरान मौन विरोध प्रदर्शन करने के कुछ दिनों बाद आया। पूर्वोत्तर छात्र मंच ने मांग की थी कि बराक छात्रावास में 75 प्रतिशत सीट आठ पूर्वोत्तर राज्यों के छात्रों के लिए आरक्षित की जाएं।
एनईएसएफ ने आरोप लगाया कि छात्रावास के निर्माण के दौरान दिए गए आश्वासन के बावजूद पहली आवंटन सूची में 88 सीट में से केवल पांच सीट पूर्वोत्तर के छात्रों को दी गई हैं।
बराक छात्रावास 228 कमरों वाली पांच मंजिला इमारत है जिसमें 446 छात्र रह सकेंगे। इस छात्रावास के निर्माण के लिए पूर्वोत्तर परिषद और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ने वित्त पोषित किया था।
हालांकि, इसका उद्घाटन फरवरी 2024 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा किया गया था।
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