गुवाहाटी, 13 सितंबर असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि ‘मुख्यमंत्री राहत कोष’ में एक करोड़ रुपये का दान देने के इच्छुक व्यक्ति पर उनके संदेह से कई करोड़ रुपये के ‘ऑनलाइन ट्रेडिंग’ घोटाले का भंडाफोड़ हो गया।
यहां एक कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से बात करते हुए शर्मा ने कहा कि उनकी सरकार ने मामले का खुलासा करके इसमें शामिल लोगों को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन राज्य सरकार को गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है।
उन्होंने किसी व्यक्ति का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘जब एक युवक मुख्यमंत्री राहत कोष में एक करोड़ रुपये दान करने आया, तो मुझे संदेह हुआ। मैंने अधिकारियों से पता लगाने को कहा कि वह क्या करता है और इस तरह ऑनलाइन ट्रेडिंग घोटाला सामने आया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘घोटाले को प्रकाश में लाने वाले व्यक्ति पर हमला करने का मतलब इन अपराधों में शामिल लोगों को ‘विटामिन’देना है।’’
शर्मा विपक्षी दलों के आरोपों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें उनकी सरकार पर घोटाले से लोगों का ध्यान हटाने के लिए कामरूप (महानगर) जिले के सोनपुर में बेदखली अभियान शुरू करने का आरोप लगाया गया था।
उन्होंने कहा कि घोटाले में शामिल लोगों को सोशल मीडिया के ‘इंफ्लुएंसर’ ने ‘हीरो’ बना दिया था, लेकिन मुझ पर हमला करके अब इसे राजनीतिक क्यों बनाया जा रहा है?
शर्मा ने कहा कि इस बात की जांच के आदेश दिए गए हैं कि घोटाले के सिलसिले में बृहस्पतिवार को पकड़े जाने के बाद अभिनेत्री सुमी बोरा और उनके पति तार्किक बोरा को पुलिस एक आलीशान होटल में कैसे ले गई।
उन्होंने कहा, ‘‘डिब्रूगढ़ में हिरासत में लिए जाने के बाद पुलिस ने एक टीवी चैनल को उनका साक्षात्कार लेने की इजाजत दे दी। पुलिस और पत्रकारों के बीच यह रिश्ता चिंता का विषय है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह मुंबई में थे जब उन्होंने साक्षात्कार देखा और तुरंत पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को फोन करके जानना चाहा कि क्या हो रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘गिरफ्तार किए गए दोनों व्यक्तियों को हवालात में होना चाहिए था, लेकिन वे साक्षात्कार दे रहे थे। मैंने इसकी जांच के आदेश दिए हैं।’’
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