नयी दिल्ली, 1 अगस्त : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने शिक्षा व्यवस्था में बड़े सुधार किए हैं जिनका सबसे ज्यादा फायदा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़े वर्गों और महिलाओं को हुआ है. पार्टी सांसद तेजस्वी सूर्या ने वर्ष 2024-25 के लिए शिक्षा मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर लोकसभा में चर्चा की शुरुआत करते हुए यह आरोप भी लगाया कि अनुसूचित जातियों (एसी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) की सबसे बड़ी विरोधी कांग्रेस है जिसने मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं होने दिया.
उन्होंने कहा, ‘‘बहुआयामी सुधारो के कारण शिक्षा में व्यापक सुधार हुआ है...आजादी के बाद अटल बिहारी वाजपेयी सरकार को छोड़कर हर सरकार में शिक्षा व्यवस्था को नजरअंदाज किया गया था, लेकिन मोदी सरकार में इसे प्रमुखता दी गई.’’ सूर्या के अनुसार, पहले की सरकारों के समय ऐसे पाठ्यक्रम थे जिनके कारण मानव संसाधन की गुणवत्ता कम रही. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में शिक्षा के बजट में 78 प्रतिशत का इजाफा किया गया है. भाजपा सांसद ने कहा कि शिक्षा के बुनियादी ढांचे में बढ़ोतरी हुई है तथा 390 नए विश्वविद्यालयों का निर्माण किया गया है. उनके मुताबिक, उच्च शिक्षा में दाखिला बढ़ने का सबसे ज्यादा फायदा दलित, आदिवासी, ओबीसी तथा महिलाओं को हुआ है. यह भी पढ़ें : यात्रियों को केदारनाथ यात्रा स्थगित करने की सलाह, बारिश से 12 लोगों की मौत
उनका कहना था कि अगर मंडल आयोग की सिफारिशें लागू नहीं होती और मोदी सरकार का प्रयास नहीं होता तो उच्च शिक्षा में दलित, ओबीसी और महिलाओं के दाखिले में इतनी बढ़ोतरी नहीं होती. सूर्या ने दावा किया कि कांग्रेस से जुड़े एक नेता, जो देश के प्रधानमंत्री भी रहे, उन्होंने 1990 के दशक में मंडल आयोग की सिफारिशों का विरोध किया था. भाजपा सांसद ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने मातृ में पढ़ाई कराने की व्यवस्था की है, जो पहले की सरकारों में नहीं हुआ था.