जयपुर, नौ सितंबर राजस्थान सरकार ने रिश्वतखोरी के एक मामले में जयपुर हेरिटेज नगर निगम की महापौर मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी की है।
शहरी विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने सोमवार को संवाददाताओं को बताया कि महापौर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति गृह विभाग द्वारा जारी की गई है।
उन्होंने कहा, "जब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा उनके खिलाफ आरोपपत्र अदालत में पेश किया जाएगा और हमें इसकी जानकारी मिल जाएगी, तो महापौर मुनेश गुर्जर को निलंबित कर दिया जाएगा और पद से हटा दिया जाएगा तथा किसी अन्य पार्षद को कार्यवाहक महापौर बनाया जाएगा।"
सूत्रों ने बताया कि अभियोजन स्वीकृति पिछले सप्ताह शुक्रवार को जारी की गई थी।
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष चार अगस्त को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने महापौर गुर्जर के आवास पर छापा मारा था, जहां उनके पति सुशील गुर्जर और दो दलाल नारायण सिंह और अनिल दुबे को दो लाख रुपये की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया गया था।
ब्यूरो के छापे में लीज से जुड़ी फाइलें और सुशील गुर्जर के घर से 41 लाख रुपये तथा दलाल नारायण सिंह के घर से 8.95 लाख रुपये मिले थे।
जांच में महापौर मुनेश गुर्जर के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की पुष्टि हुई है।
छापेमारी के एक दिन बाद कांग्रेस पार्षद मुनेश गुर्जर को पूर्व कांग्रेस सरकार ने महापौर पद से निलंबित कर दिया था। हालांकि, उन्हें उच्च न्यायालय से राहत मिली थी।
एसीबी ने आवास से कुछ सरकारी फाइलें और 40 लाख रुपये नकद भी बरामद किए थे। जांच के दौरान एसीबी को मुनेश गुर्जर की संलिप्तता का पता चला, जिसके बाद ब्यूरो ने मुनेश गुर्जर के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने के लिए अभियोजन स्वीकृति मांगी थी।
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