मुंबई: एक स्थानीय मजिस्ट्रेट अदालत (Magistrate Court) ने शनिवार को मुंबई (Mumbai) भाजपा (BJP) युवा शाखा के पूर्व अध्यक्ष मोहित कम्बोज (Mohit Kamboj ) भारतीय की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें कथित तौर पर कोविड-19 (COVID-19) मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए महाराष्ट्र (Maharashtra) के मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का पुलिस को निर्देश देने की मांग की गई थी. नवाब मलिक ने देवेंद्र फडणवीस पर किया पलटवार, कहा- समीर वानखेड़े से पंचनामा मंगा लीजिए, मेरे दामाद के घर से कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला था
भाजपा के पूर्व पदाधिकारी ने मलिक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा) और 269 (लापरवाही पूर्वक जीवन के लिए खतरनाक बीमारी का संक्रमण फैलने की संभावना) और आपदा प्रबंधन अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज करने की मांग की थी.
दक्षिण मुंबई के मझगांव की मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष दायर अपनी शिकायत में, कम्बोज ने आरोप लगाया था कि मलिक ने 29 नवंबर को सुनवाई में भाग लेने के दौरान राकांपा कार्यकर्ताओं को अदालत के बाहर इकट्ठा होने के लिए कहकर महामारी के मानदंडों का उल्लंघन किया था.
कम्बोज द्वारा दायर मानहानि के एक मामले में मलिक अदालत में पेश हुए थे. कम्बोज के आवेदन को खारिज करते हुए मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पी आई मोकाशी ने कहा, ‘‘आरोपियों के खिलाफ कथित अपराधों की प्रकृति को देखते हुए दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के प्रावधानों के तहत पुलिस को जांच के लिए निर्देशित करने का कोई आधार नहीं है.’’
कम्बोज ने अक्टूबर में मुंबई में एक क्रूज से ड्रग्स की कथित जब्ती के बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कथित तौर पर उन्हें और उनके परिवार को बदनाम करने के लिए राकांपा के वरिष्ठ नेता मलिक के खिलाफ मानहानि के कई मामले दायर किए थे. स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने इस मामले में बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान और अन्य को गिरफ्तार किया था. ज्यादातर आरोपी फिलहाल जमानत पर बाहर हैं.
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