संयुक्त राष्ट्र, 12 संयुक्त राष्ट्र ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर इस साल छह प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। पिछले वर्ष यह 6.6 प्रतिशत रही थी।
संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (अंकटाड) ने बुधवार को जारी अपनी अद्यतन व्यापार एवं विकास रिपोर्ट में वैश्विक वृद्धि दर 2023 में घटकर 2.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है जबकि सितंबर, 2022 में इसके 2.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।
अंकटाड ने इसके पीछे उच्च ब्याज दर और पहली तिमाही में प्रोत्साहन पैकेज आवंटन को कारण बताया है।
रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि उच्च वित्तीय अस्थिरताओं के बीच वैश्विक आर्थिक नरमी के कारण विकासशील देशों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वैश्विक अर्थव्यवस्था के बड़े हिस्सों में वार्षिक वृद्धि दर कोविड महामारी से पहले के प्रदर्शन से नीचे जाने की आशंका है।
रिपोर्ट में कहा गया कि भारत ने 2022 में 6.6 प्रतिशत की दर से वृद्धि की। 2023 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर छह प्रतिशत रहने का अनुमान है।
रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के लिए सार्वजनिक व निजी क्षेत्र में भारी निवेश और व्यय के साथ-साथ बढ़ते निर्यात का सकारात्मक प्रभाव ऊर्जा आयात के ऊंचे भुगतान के कारण आंशिक रूप से कम हो गया। ऊर्जा आयात बिल अधिक होने से चालू खाते का घाटा भी बढ़ा है।
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