लखनऊ, 10 अक्टूबर : उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान ज्यादातर इलाकों में बारिश हुई. इस दौरान वर्षाजनित हादसों, आकाशीय बिजली और मकान गिरने से 11 लोगों की मौत हो गई और जगह-जगह जलभराव से जनजीवन प्रभावित हुआ. राहत आयुक्त कार्यालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में 17 जिलों में 944 से अधिक गांवों के करीब 8.43 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में पिछले कई दिनों से हो रही भारी बारिश से प्रभावित जिलों में पूरी मुस्तैदी से राहत कार्य चलाने और किसी तरह की जनहानि और पशु हानि के पीड़ितों को तुरंत सहायता राशि देने के निर्देश दिए हैं. आंचलिक मौसम केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश में अनेक स्थानों पर वर्षा हुई. कुछ जगहों पर भारी से बहुत भारी बारिश भी हुई. प्रदेश में मंगलवार को भी अनेक स्थानों पर वर्षा होने की संभावना है. अधिकारियों ने बताया कि झांसी जिले में अलग-अलग क्षेत्रों में सोमवार को दोपहर के समय आकाशीय बिजली गिरने से तीन महिलाओं और एक बच्ची समेत सात लोगों की मौत हो गयी तथा छह से अधिक लोग झुलस गए. यह भी पढ़ें : उप्र: कर चोरी के मामले में एक केबल निर्माता कंपनी के दो ठिकानों पर छापेमारी
उन्होंने कहा कि मरने वालों में पांच लोग मऊरानीपुर तथा एक रक्सा क्षेत्र का निवासी है. उन्होंने कहा कि घायलों को चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी स्थिति संतोषजनक बताई गई है. मऊरानीपुर के उपजिलाधिकारी मृत्युंजय मिश्रा ने बताया कि आज दोपहर क्षेत्र के अनेक गांवों से आकाशीय बिजली गिरने की सूचना मिली, जिसमें ग्राम इटायल निवासी संतोष कुमार की 28 वर्षीय पत्नी क्रांति व 15 वर्षीय पुत्री निकिता के अलावा इसी गांव के महेश की 25 वर्षीय पत्नी पिंकी की मृत्यु हो गयी. उन्होंने बताया कि ग्राम भदरवारा निवासी केशव की पत्नी कुंजन (25) सहित बसारी गांव में चरण सिंह (36) की भी आकाशीय बिजली गिरने से मृत्यु हो गई है. चरण सिंह मूल रूप से मध्य प्रदेश का रहने वाला बताया गया है. ये सभी लोग खेतों में काम करते समय या अपने घरों में ही आकाशीय बिजली के शिकार हुए. मिश्रा ने बताया कि इलाके के ग्राम लारौन,कटेरा निवासी कालीचरण कुशवाहा (55) की आज शाम आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई. हादसे के समय वह खेत में काम रहे थे.
सदर तहसील के उपजिलाधिकारी शशि भूषण ने बताया कि क्षेत्र में लखनपुरा, रक्सा निवासी गोविंद सिंह (49) की खेत में काम करते समय आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई, जबकि प्रेम सिंह व लक्ष्मण झुलस गए जिन्हें उपचार के लिए चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है. अधिकारियों ने कहा कि अमेठी जिले के जामो इलाके में रविवार रात बारिश के बीच एक कच्चा मकान ढह जाने से मलबे में दबकर राम सजीवन (37) नामक व्यक्ति की मौत हो गई और प्रतापगढ़ के उदयपुर थाना क्षेत्र स्थित रेउआ लालगंज गांव के रहने वाले दिलीप सिंह (30) की भारी बारिश के कारण कच्चा मकान सोमवार सुबह ढहने से मलबे में दबकर मौत हो गई. पुलिस ने दोनों के शव का पोस्टमॉर्टम कराया है. बाराबंकी से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, नेपाल के बांधों से घाघरा नदी में छोड़े गए पानी से जिले की तीन तहसीलों-सिरौलीगौसपुर, रामनगर और रामसनेहीघाट क्षेत्र के 80 गांवों की करीब दो लाख आबादी पर संकट मंडराने लगा है. इन गांवों में बने स्कूल और अस्पताल भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं.
जानकारी के मुताबिक पर्वतपुर और तेलवारी गांव के पास तेज़ कटान से कई मकान नदी में समा गए हैं. संपर्क मार्गों पर पानी बहने के कारण लोग परिजनों को नावों के जरिए सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में लगे हुए हैं. वहीं, बाढ़ पीएसी भी बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रही है. अधिकारियों के अनुसार, घाघरा नदी एल्गिन ब्रिज पर खतरे के निशान से 78 सेमी ऊपर बह रही है. संपर्क मार्गों पर पानी भर जाने से इनका संपर्क मुख्य मार्गों से टूट गया है. उन्होंने बताया कि नदी का जलस्तर एक सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है. बलरामपुर से मिली जानकारी के मुताबिक, जिले में गोंडा-बढ़नी गोरखपुर रेलवे मार्ग पुल पर बाढ़ का पानी आ जाने से रेलगाड़ियों का परिचालन रोक दिया गया है. अधिकारियों ने बताया कि बलरामपुर में बाढ़ के पानी में बह जाने से दो लोगों की मौत हो गयी जबकि दो अन्य की तलाश की जा रही है. पुलिस ने बताया कि गैसड़ी कोतवाली क्षेत्र के मदारहवा गांव की सुमिरता (55) का शव तालाब से निकाला गया और आलम (16) का शव सोमवार को बरामद किया गया, जो रविवार को पानी में बह गया था.
बलरामपुर रेलवे स्टेशन के अधीक्षक पी आर सोमवंशी ने बताया कि गैजहवा और कोवापुर स्टेशनों के बीच पुल संख्या 149 पर पानी आ जाने के कारण अपराह्न दो बजकर 45 मिनट से अगले आदेश तक रेलगाड़ियों का आवागमन रोक दिया गया है जिससे करीब दो दर्जन रेलगाड़ियों का परिचालन प्रभावित हुआ है. बदायूं से में भारी बारिश और तेज हवा चलने से सरसों, उड़द और बाजरा की खड़ी फसलें नष्ट हो गई हैं. इसके अलावा नवनिर्मित रोडवेज बस अड्डे की एक दीवार भी ढह गई. बदायूं की जिलाधिकारी दीपा रंजन ने कहा कि बारिश और बाढ़ के कारण फसलों को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए सर्वे कराया जा रहा है और प्रभावित किसानों को जल्द मदद दी जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अत्यधिक बारिश से प्रभावित जिलों में राहत कार्य तेज करने और जलभराव वाले क्षेत्रों में निरीक्षण करने के लिए अधिकारियों को खुद मैदान में उतरने का निर्देश दिए हैं. उन्होंने राहत कार्यों के संचालन के लिए राजस्व, पुलिस, पंचायती राज, ग्राम्य विकास, नगर विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, पशुपालन सहित सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को सक्रिय रहने के निर्देश भी दिए हैं.
मौसम विभाग के मुताबिक, पिछले 24 घंटों के दौरान बरेली के मीरगंज में सबसे ज्यादा 23 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई. इसके अलावा बरेली के ही नवाबगंज में 18 सेमी., बिजनौर के नजीबाबाद और नगीना में 17-17 सेमी., बिजनौर नगर में 16 सेमी., लखीमपुर खीरी के शारदा नगर में 15, प्रतापगढ़ के कुंडा, सीतापुर के नीमसार और बाराबंकी के रामनगर में 13-13, कानपुर देहात के अकबरपुर और जालौन के कालपी में 12-12, हमीरपुर, बाराबंकी के फतेहपुर, बहराइच के कैसरगंज तथा कन्नौज के तिर्वा में 11-11 सेंटीमीटर, लखीमपुर खीरी जिले के निघासन, प्रतापगढ़ के पट्टी और उन्नाव के हसनगंज में 10-10 सेंटीमीटर वर्षा दर्ज की गई. मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक प्रदेश में अगले 24 घंटों के दौरान भी अनेक स्थानों पर बारिश होने का अनुमान है.