नयी दिल्ली, नौ सितंबर कार्यस्थल और सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में शहरों और संस्थानों का सुरक्षा ‘ऑडिट’ किए जाने, विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं कार्यस्थलों पर लैंगिक संवेदनशीलता को बढ़ाए जाने तथा महिलाओं के खिलाफ अपराधों की खबर मीडिया में प्रसारित करने संबंधी दिशानिर्देश जारी किए जाने समेत कई सुझाव दिए गए।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) द्वारा यहां ‘इंडिया हैबिटेट सेंटर’ में आयोजित यह संगोष्ठी कोलकाता स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला चिकित्सक से कथित बलात्कार और हत्या को लेकर कोलकाता में लंबे समय से जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच आयोजित की गई।
इस संगोष्ठी में महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के संबंध में कई सुझाव दिए गए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एनएचआरसी की कार्यवाहक अध्यक्ष विजया भारती सयानी ने कहा कि देश में महिला सशक्तीकरण के लिए कानूनी प्रावधानों और नीतियों के संदर्भ में काफी प्रयास किए गए हैं।
एनएचआरसी द्वारा जारी एक बयान में उनके हवाले से कहा गया, ‘‘महिलाओं को कार्यस्थलों और सार्वजनिक स्थानों दोनों पर रुकावटों का सामना करना पड़ता है, जिनसे एक समग्र दृष्टिकोण के जरिए निपटने की आवश्यकता है।’’
उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ यौन हिंसा की घटनाएं होना आम बात है और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए समाज के सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।
चर्चा के दौरान सुझाव दिया गया कि ‘‘शहरों और संस्थानों की सुरक्षा को लेकर ऑडिट और सामाजिक ऑडिट’’ किया जाए ताकि कार्यस्थलों और सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में मौजूदा खामियों और समस्याओं को लेकर बेहतर जानकारी मिल सके।
इसके अलावा कानूनों का बेहतर क्रियान्वयन किए जाने तथा स्कूल, कॉलेज, कार्यस्थलों, सभी प्रमुख संगठनों के शीर्ष प्रबंधन और कानून लागू करने वाली प्रणालियों सहित सभी स्तरों पर लैंगिक संवेदनशीलता को बढ़ाने के सुझाव दिए गए।
अन्य सुझावों में कहा गया, ‘‘महिलाओं के साथ हुए अपराधों की रिपोर्टिंग के संबंध में मीडिया के लिए भी दिशा-निर्देश बनाने की आवश्यकता है।’’
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