नयी दिल्ली, 25 नवंबर अरबपति गौतम अदाणी के समूह ने निवेशकों के समक्ष अपनी विभिन्न कंपनियों के वित्तीय तथा ऋण विवरण सोमवार को पेश किए।
इसमें कंपनी के मजबूत मुनाफे और नकदी प्रवाह के बारे में बताया गया जिसके अनुसार बाह्य ऋण पर निर्भरता के बिना भी वृद्धि को बनाए रखा जा सकता है।
बंदरगाहों से लेकर ऊर्जा तक का कारोबार करने वाले समूह ने निवेशकों के समक्ष एक प्रस्तुतिकरण में अपने लगातार बढ़ते मुनाफे और नकदी प्रवाह पर प्रकाश डाला, जिससे समय के साथ उसकी बढ़ती महत्वाकांक्षाओं के लिए ऋण पर निर्भरता कम हुई है।
कंपनी के संस्थापक चेयरमैन गौतम अदाणी और दो अन्य अधिकारियों के खिलाफ अमेरिकी अदालत में सौर ऊर्जा ठेका हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारी को रिश्वत देने के आरोपों के बीच यह विवरण साझा किया गया है।
अब इसकी कुल संपत्ति निर्माण में इसका योगदान करीब दो तिहाई है, जो पांच साल पहले की तुलना में काफी अलग है।
समूह ने पिछले छह महीनों में करीब 75,227 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जबकि कुल कर्ज में केवल 16,882 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है।
निवेशकों के साथ एक ‘नोट’ भी साझा किया गया, साथ ही ये प्रस्तुतियां भी दी गईं।
समूह की नगदी स्थिति को रेखांकित करते हुए ‘नोट’ में कहा गया, ‘‘ अदाणी समूह की कंपनियों के पास कम से कम 12 महीनों के लिए सभी ऋण सेवा आवश्यकताओं को पूरा करने के वास्ते पर्याप्त नगदी है। 30 सितंबर 2024 तक अदाणी की कंपनियों के पास 53,024 करोड़ रुपये की नकदी थी, जो इसके कुल सकल ऋण बकाया का 21 प्रतिशत के करीब है।’’
इसमें कहा गया कि यह राशि अगले 28 महीनों की ऋण जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।
समूह ने अगले 10 वर्षों में कंपनियों में आठ लाख करोड़ रुपये (100 अरब अमेरिकी डॉलर) से अधिक निवेश करने की योजना की घोषणा की है। पिछले 12 महीनों में परिचालन से नगदी प्रवाह (एफएफओ) या नकद लाभ 58,908 करोड़ रुपये रहा और पिछले पांच वर्षों से इसमें 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हो रही है। इसके आधार पर कोई वृद्धि न होने की स्थिति में भी समूह अगले 10 वर्षों में अपने आंतरिक नकदी स्रोतों से केवल 5.9 लाख करोड़ रुपये का निवेश कर पाएगा जिससे बाह्य ऋण पर निर्भरता बहुत कम रह जाएगी।
प्रस्तुतिकरण के अन्य मुख्य बिंदुओं में पिछले 12 महीनों की कर पूर्व आय (ब्याज कर तथा मूल्यह्रास से पहले की कमाई) शामिल हैं जिसके बारे में कंपनी ने कहा कि यह अत्यधिक स्थिर है....यह 17 प्रतिशत बढ़कर 83,440 करोड़ रुपये हो गई।
साथ ही, मौजूदा वार्षिक नकदी प्रवाह अकेले ही तीन वर्षों में पूरे ऋण का भुगतान कर सकता है। सकल संपत्ति/निवेश में 75,227 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई, जबकि कुल ऋण में केवल 16,882 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई। परिसंपत्ति आधार अब बढ़कर 5.5 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
समूह कंपनियों की ‘रेटिंग’ (साख) में सुधार से उधार लेने की औसत लागत 8.2 प्रतिशत के साथ पिछले पांच वर्षों में सबसे कम है।
अदाणी समूह का घरेलू बैंकों से दीर्घकालिक ऋण 94,400 करोड़ रुपये है। इसके मुकाबले 53,024 करोड़ रुपये की नकदी शेष थी जिसमें से अधिकतर भारतीय बैंकों के पास जमा थी। वैश्विक बैंकों से उधारी कुल ऋण का 27 प्रतिशत है।
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