US Military Transgender Policy: शपथ लेते ही बड़ा निर्णय लेंगे डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिकी सेना से बाहर निकाले जाएंगे 15,000 ट्रांसजेंडर सैनिक

US Military Transgender Ban: अमेरिका के राष्ट्रपति-निर्वाचित डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अपने विवादास्पद फैसलों के कारण सुर्खियों में हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप अपने पहले दिन ही एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने की योजना बना रहे हैं, जिसके तहत अमेरिकी सैन्य से सभी ट्रांसजेंडर सैनिकों को बाहर किया जाएगा.

क्या है ट्रंप का नया फैसला? 

ट्रंप का यह कदम उस समय आ रहा है जब अमेरिकी सेना को अपने भर्ती लक्ष्य को पूरा करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. इस निर्णय से हजारों ट्रांसजेंडर सैनिकों को सेना से बाहर किया जा सकता है. यह फैसला उस दौरान लिया गया था जब ट्रंप ने 2017 में घोषणा की थी कि अमेरिका सेना में ट्रांसजेंडर सैनिकों को स्वीकार नहीं करेगा. उन्होंने इसे 'अत्यधिक चिकित्सा लागत और विघटन' के रूप में बताया था. इस फैसले के बाद 2019 में ट्रांसजेंडर सैनिकों पर प्रतिबंध लगाया गया, हालांकि पहले से सेवा में रहे सैनिकों को अपनी नौकरी जारी रखने की अनुमति दी गई थी.

जो बाइडन ने पलटा था ट्रंप का फैसला 

ट्रंप के पहले प्रशासन के दौरान लागू किए गए इस प्रतिबंध को राष्ट्रपति जो बाइडन ने पलट दिया था. लेकिन अब रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप एक बार फिर से बाइडन के फैसले को पलटने के लिए तैयार हैं और सैन्य से सभी ट्रांसजेंडर सैनिकों को बाहर करने की योजना बना रहे हैं.

क्या असर पड़ेगा इस निर्णय का? 

इस फैसले से न केवल ट्रांसजेंडर सैनिकों की स्थिति पर असर पड़ेगा, बल्कि अमेरिकी सेना की कार्यक्षमता पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. जैसा कि रिपोर्ट्स में कहा गया है, अमेरिकी सेना पहले ही भर्ती में 41,000 सैनिकों के लक्ष्य से पीछे रह गई है. ऐसे में अचानक 15,000 ट्रांसजेंडर सैनिकों को बाहर करना सेना के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है.

रैचल ब्रैनमैन, जो कि मॉडर्न मिलिटरी एसोसिएशन ऑफ अमेरिका की कार्यकारी निदेशक हैं, ने कहा, “ट्रांसजेंडर सैनिकों को सेना से बाहर करना सेना की तत्परता को कमजोर करेगा और भर्ती तथा बनाए रखने की समस्याओं को और बढ़ाएगा, साथ ही अमेरिका के दुश्मनों को भी यह संदेश जाएगा कि हमारी सैन्य शक्ति कमजोर हो रही है.”

ट्रंप का शपथ ग्रहण और इसके राजनीतिक प्रभाव 

डोनाल्ड ट्रंप का शपथ ग्रहण 20 जनवरी को होने वाला है, और यह वही दिन होगा जब ट्रंप का कार्यालय फिर से शुरू होगा. इस दिन के बाद अमेरिकी सेना में क्या बदलाव होते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा. हालांकि, इस निर्णय के बाद अमेरिका की राजनीति में और सैन्य समुदाय में असहमति के स्वर बढ़ने की संभावना है.

अमेरिकी सेना के लिए यह एक मुश्किल दौर होगा, क्योंकि ऐसे समय में जब उन्हें अधिक सैनिकों की जरूरत है, तो ट्रंप का यह निर्णय एक बड़ी चुनौती बन सकता है.