महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इंडीया गठबंधन को भारी हार का सामना करना पड़ा है, जिसके बाद कांग्रेस पार्टी में इस्तीफों की एक नई लहर उठ गई है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने हार के बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. यह हार पार्टी के लिए काफी निराशाजनक रही, क्योंकि कांग्रेस को महज 16 सीटों पर जीत मिली, जबकि महाविकास अघाड़ी गठबंधन को भी करारी हार झेलनी पड़ी.
कांग्रेस को 288 सदस्यीय विधानसभा में केवल 16 सीटें ही मिल पाई, और इसका वोट प्रतिशत 12.42% रहा. वहीं, महायुति गठबंधन ने 230 सीटों पर जीत दर्ज की है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 132 सीटें, शिवसेना ने 57 सीटें और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने 41 सीटें जीती हैं. दूसरी तरफ, महाविकास अघाड़ी (MVA) को केवल 46 सीटें मिलीं, जिसमें कांग्रेस को 16, राकांपा को 10 और शिवसेना (यूबीटी) को 20 सीटें मिलीं.
इस बीच, नाना पटोले ने कहा था कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि महायुति सरकार अपने चुनावी वादों को पूरा करे, खासकर महिलाओं के लिए मासिक भत्ता और किसानों से किए गए वादों को लेकर. पटोले खुद भंडारा जिले के साकोली विधानसभा क्षेत्र से मात्र 208 मतों के अंतर से जीते थे. इस हार के बाद, कांग्रेस और महाविकास अघाड़ी के नेताओं को अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करना होगा.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन की प्रचंड जीत के बाद मुख्यमंत्री के नाम पर सस्पेंस बना हुआ है. इस बीच एनसीपी (अजित पवार) गुट के चीफ व्हिप ने दावा किया है कि विपक्षी महाविकास अघाड़ी गठबंधन में इस समय हलचल मची हुई है और अगले चार महीनों में कई विधायक पाला बदल सकते हैं. एनसीपी चीफ व्हिप अनिल पाटिल ने दावा किया है कि महाविकास अघाड़ी (MVA) में अस्थिरता बनी हुई है और इनके पांच से छह विधायक अगले चार महीने में महायुति में शामिल हो सकते हैं.