नयी दिल्ली, 24 नवंबर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में गिरावट वाले राज्यों को हवा की गुणवत्ता बेहतर करने के लिए मिलकर प्रयास करने का निर्देश दिया है।
अधिकरण ने इससे पहले, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ऑनलाइन वायु गुणवत्ता बुलेटिन का संज्ञान लेने के बाद कई राज्यों के मुख्य सचिवों को नोटिस जारी किया था।
अधिकरण ने उन राज्यों के मुख्य सचिवों को सभी संभावित सुधारात्मक उपाय करने का निर्देश दिया था, जहां एक्यूआई में गिरावट आई है या लगातार गंभीर, बेहद खराब और खराब श्रेणी में है।
अधिकरण की पीठ ने 10 नवंबर से 21 नवंबर तक पंजाब, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, मेघालय, उत्तर प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र और बिहार के विभिन्न शहरों के एक्यूआई का हवाला दिया और कहा, ‘‘यह संबद्ध प्राधिकारियों द्वारा कोई संतोषजनक प्रयास नहीं किये जाने को दर्शाता है।’’
हरित अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायिक सदस्य सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल ने वायु गुणवत्ता में सुधार करने के लिए उठाये गए कदमों का विभिन्न राज्यों की रिपोर्ट में उल्लेख किये जाने को रेखांकित करते हुए कहा कि कोई ‘‘सार्थक परिणाम’’नहीं निकला। उन्होंने कहा कि इन शहरों में वायु गुणवत्ता ‘‘खराब, बहुत खराब या कुछ उतार-चढ़ाव के साथ गंभीर’’ बनी हुई है।
अधिकरण ने 22 नवंबर को सुनाए गए आदेश में कहा, ‘‘इसलिए राज्य प्राधिकारियों को समन्वित प्रयास करने की जरूरत है, ताकि शहरों में वायु गुणवत्ता में सुधार हो।’’
आगे की कार्यवाही के लिए मामले को पांच दिसंबर के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)