नयी दिल्ली, 3 अप्रैल : सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) की इस वित्त वर्ष में सालाना आय गैस कीमतों में दोगुनी वृद्धि होने से तीन अरब डॉलर बढ़ने की उम्मीद है जबकि निजी क्षेत्र की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की आय में 1.5 अरब डॉलर की वृद्धि हो सकती है. मॉर्गन स्टेनली ने अपनी एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया है. इसके मुताबिक तेल बाजारों में त्रिस्तरीय गिरावट (भंडार, निवेश और अतिरिक्त क्षमता) आने के साथ घरेलू गैस उत्पादन में एक दशक बाद आई तेजी से गैस कंपनियों के लिए लाभ कमाने का एक चक्र शुरू होने की स्थिति बनी है. सरकार ने एक अप्रैल से तेल उत्पादकों एवं नियमित क्षेत्रों को दी जाने वाली गैस के दाम 2.9 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू से बढ़ाकर रिकॉर्ड 6.10 डॉलर प्रति इकाई कर दिए हैं. रिलायंस के गहरे समुद्र में स्थित कठिन उत्खनन वाले क्षेत्रों से निकलने वाली गैस के लिए यह कीमत 62 प्रतिशत ज्यादा 9.92 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू कर दी गई हैं.
ओएनजीसी की घरेलू गैस उत्पादन में 58 फीसदी हिस्सेदारी है और गैस कीमतों में एक डॉलर प्रति एमएमबीटीयू का भी बदलाव होने से इसकी आय में पांच-आठ प्रतिशत तक का फेरबदल हो जाता है. मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘वित्त वर्ष 2022-23 में ओएनजीसी की सालाना आय में तीन अरब डॉलर तक की वृद्धि होने का अनुमान है. इसके अलावा ओएनजीसी का अपनी पूंजी पर रिटर्न या प्रतिफल भी एक दशक बाद 20 प्रतिशत से ऊपर रहने वाला है.’’ गहरे समुद्री क्षेत्र और भारी दबाव एवं उच्च तापमान वाले मुश्किल गैस उत्पादक क्षेत्रों से निकलने वाली गैस की कीमतें भी 3.8 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू बढ़कर 9.9 डॉलर के भाव पर जा पहुंची हैं. ओएनजीसी के केजी-डीडब्ल्यूएन-98/2 क्षेत्र से निकलने वाली गैस पर भी यह बढ़ी हुई दरें लागू होंगी. यह भी पढ़ें : Free Gas Cylinder: गोवा में हर परिवार को मिलेगा 3 रसोई गैस सिलेंडर मुफ्त, CM प्रमोद सावंत का ऐलान
रिलायंस के गहरे समुद्र में स्थित केजी-डी6 ब्लॉक से गैस का उत्पादन 1.8 करोड़ घन मीटर प्रतिदिन के स्तर पर पहुंच चुका है और मार्च, 2024 तक इसके 2.7 करोड़ घन मीटर प्रतिदिन हो जाने का अनुमान है. रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि गैस कीमतों में वृद्धि से रिलायंस की सालाना आय में 1.5 अरब डॉलर की बढ़ोतरी होगी. इसके साथ ही मॉर्गन स्टेनली ने अक्टूबर, 2022 में संभावित अगली समीक्षा के दौरान गैस की कीमतों में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी और होने की संभावना भी जतायी है. इसकी वजह यह है कि आपूर्ति कम रहने से चार वैश्विक मानक गैस कीमतें तेज रह सकती हैं. भारत घरेलू स्तर पर गैस की कीमतों का निर्धारण गैस के चार वैश्विक केंद्रों एनबीपी, हेनरी हब, अल्बर्टा और रशिया गैस में पिछले 12 महीनों में रहे भाव के आधार पर करता है.