नयी दिल्ली: जी20 शिखर सम्मेलन शुरू होने से एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को विश्वास जताया कि यह सम्मेलन मानव केंद्रित और समावेशी विकास में एक नया मार्ग प्रशस्त करेगा. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वंचितों, समाज के अंतिम छोर पर खड़े लोगों की सेवा करने के उनके मिशन का अनुकरण करना महत्वपूर्ण है. उन्होंने प्रगति के मानव केंद्रित तरीके पर भारत के जोर को भी रेखांकित किया.
उन्होंने कहा, ‘‘हम सतत भविष्य के लिए सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी), हरित विकास समझौते की प्रगति में तेजी लाना चाहते हैं और 21वीं सदी के लिए बहुपक्षीय संस्थानों को मजबूत करना चाहते हैं. हम तकनीकी परिवर्तन और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे जैसे भविष्य के क्षेत्रों को अत्यधिक प्राथमिकता देते हैं. हम लैंगिक समानता, महिला सशक्तिकरण और विश्व शांति सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक रूप से काम करेंगे.’’ G-20 Dinner: जी20 रात्रिभोज के लिए किसी भी उद्योगपति को नहीं मिला न्योता, जानें राष्ट्रपति के डिनर में कौन-कौन होगा शामिल
प्रधानमंत्री ने ‘एक्स (पूर्व में ट्विटर)’ पर किये गए पोस्ट की एक श्रृंखला में कहा, ‘‘भारत को 9-10 सितंबर 2023 को नयी दिल्ली के प्रतिष्ठित भारत मंडपम में 18वें जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने की खुशी है. यह पहला जी20 शिखर सम्मेलन है, जिसकी मेजबानी भारत द्वारा की जा रही है. मैं अगले दो दिनों में विश्व के विभिन्न नेताओं के साथ सार्थक चर्चा की उम्मीद करता हूं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरा दृढ़ विश्वास है कि नयी दिल्ली जी20 शिखर सम्मेलन मानव-केंद्रित और समावेशी विकास में एक नया मार्ग प्रशस्त करेगा.’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘देश के सांस्कृतिक लोकाचार में निहित, भारत की जी20 अध्यक्षता का विषय 'वसुधैव कुटुम्बकम- एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' हमारे वैश्विक दृष्टिकोण के साथ गहराई से मेल खाता है कि पूरा विश्व एक परिवार है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत की जी20 अध्यक्षता समावेशी, महत्वाकांक्षी, निर्णायक और कार्रवाई-उन्मुख रही है. हमने सक्रिय रूप से ग्लोबल साउथ की विकास संबंधी चिंताओं को उठाया.’’ मोदी ने कहा, ‘‘भारत प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए मानव-केंद्रित तरीके पर भी बहुत जोर देता है. वंचितों, कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति की सेवा करने के गांधी जी के मिशन का अनुकरण करना महत्वपूर्ण है.’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान वह ‘एक धरती, एक परिवार और एक भविष्य’ पर सत्रों की अध्यक्षता करेंगे. उन्होंने कहा कि इसमें विश्व समुदाय के लिए प्रमुख चिंता के विभिन्न मुद्दों को शामिल किया जाएगा और मजबूत, सतत, समावेशी और संतुलित विकास के मुद्दे को आगे बढ़ाया जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘‘हम सतत भविष्य के लिए सतत विकास लक्ष्यों की प्रगति, हरित विकास समझौते और 21वीं सदी के लिए बहुपक्षीय संस्थानों को मजबूत करना चाहते हैं.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत तकनीकी परिवर्तन और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे जैसे भविष्य के क्षेत्रों को अत्यधिक प्राथमिकता देता है.
उन्होंने कहा, ‘‘हम सामूहिक रूप से लैंगिक समानता, महिला सशक्तिकरण और विश्व शांति सुनिश्चित करने के लिए भी काम करेंगे.’’ मोदी ने कहा कि मित्रता और सहयोग के बंधन को और गहरा करने के लिए वह कई नेताओं और प्रतिनिधिमंडल के प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे.
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि हमारे मेहमान भारतीय मेहमाननवाजी का आनंद लेंगे.’’ प्रधानमंत्री ने बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू नौ सितम्बर को मेहमानों के लिए रात्रि भोज का आयोजन करेंगी और 10 सितंबर को विभिन्न देशों से आने वाले नेता राजघाट पर गांधी जी को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. उन्होंने कहा कि समापन समारोह में उसी दिन, जी20 देशों के नेता एक ‘स्वस्थ पृथ्वी' के लिए 'एक परिवार' की तरह एक स्थायी और न्यायसंगत ‘एक भविष्य’ के लिए अपना सामूहिक दृष्टिकोण साझा करेंगे.
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