नयी दिल्ली, 17 अगस्त : दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक अंतरराष्ट्रीय ब्रांड के नकली कॉस्मेटिक उत्पादों को बेचने के मामले में ई-कॉमर्स मंच फ्लिपकार्ट के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी (एफआईआर) को रद्द कर दिया है. न्यायमूर्ति आशा मेनन ने कहा कि फ्लिपकार्ट के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से न्याय नहीं होगा और जांच एजेंसी सवालों के घेरे में आए उत्पादों के अनधिकृत विक्रेताओं की पहचान का पता लगाने के लिए आगे की जांच करने के लिए स्वतंत्र है.
फ्लिपकार्ट के खिलाफ अगस्त, 2020 में दिल्ली पुलिस द्वारा कॉपीराइट अधिनियम की धारा 63 (कॉपीराइट के उल्लंघन का अपराध) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी. एक कंपनी द्वारा की गई शिकायत पर फ्लिपकार्ट के खिलाफ यह प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इस कंपनी ने भारत में कॉस्मेटिक उत्पादों को बेचने का पूर्ण और विशिष्ट अधिकार होने का दावा किया है. यह भी पढ़ें : केरल: यौन उत्पीड़न के मामले में जमानत आदेश में अदालत की टिप्पणी को लेकर विवाद
इस मामले में याचिकाकर्ता ने प्राथमिकी को ‘मध्यस्थ’ के आधार पर रद्द करने की अपील करते हुए कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम उसे तीसरे पक्ष द्वारा अपने मंच पर वस्तुओं की बिक्री करने के लिए ‘सुरक्षित स्थान’ प्रदान करता है.
उच्च न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता ने उत्पादों की अवैध और अनधिकृत बिक्री के खिलाफ ‘उपयोग की शर्तें’ जारी करके लागू दिशानिर्देशों का अनुपालन किया है.