दोनों नेताओं के बीच संभवत: यह एकमात्र बहस है जिसमें दोनों ने गर्भपात, प्रवासन और अमेरिकी लोकतंत्र जैसे कई मुद्दों पर अलग अलग नजरिया पेश किया. उपराष्ट्रपति हैरिस ने पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप को खरी-खोटी सुनाते हुए उन्हें 2020 के चुनाव में मिली हार की याद दिलाई और उनके अन्य झूठे वादों पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी की. हैरिस की तीखी टिप्पणियों से तिलमिलाए ट्रंप ने उन पर निजी हमले शुरू कर दिए और विषय से भटक गए, जबकि उनके सलाहकारों और समर्थकों ने उन्हें हैरिस के खिलाफ इस तरह की टिप्पणियों से बचने का सुझाव दिया था. उप राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति जो बाइडन की तुलना में ट्रंप के खिलाफ मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाया. जून में बाइडन और ट्रंप के बीच बहस हुई थी जिसमें बाइडन कोई खास छाप नहीं छोड़ पाए थे. बाइडन के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दौड़ से पीछे हटने के बाद अब हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हैं और बहस के दौरान उनके आक्रामक रवैये को देखकर हैरिस ट्रंप पर भारी पड़ती दिखाई दे रही हैं. ट्रंप के बोलने के दौरान हैरिस कभी उनकी बातों पर व्यंग्य में हंस देतीं तो कभी अपनी ठुड्डी पर हाथ रखकर उन्हें घूरतीं जबकि ट्रंप उनकी ओर देखने से बचते दिखाई दिए.
हैरिस ने ट्रंप को संबोधित कर कहा कि उप राष्ट्रपति के तौर पर उन्होंने कई देशों के नेताओं से बात की है और उनका कहना है कि ‘‘आप बहुत अक्खड़ किस्म के व्यक्ति हैं.’’ ट्रंप ने एक बार फिर चार साल पहले अपनी हार को नकारा. हैरिस ने कहा, ‘‘डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिका की 8.1 करोड़ जनता ने सत्ता से हटाया है. इसलिए वह इस बात पर बिल्कुल स्पष्ट रहें.’’ इस पर ट्रंप ने सवाल किया कि उप राष्ट्रपति के तौर पर अपनी सेवा के दौरान उन्होंने अपने प्रस्तावित विचारों पर काम क्यों नहीं किया. ट्रंप ने अवैध प्रवासन के मुद्दे पर भी हैरिस को घेरा. यह भी पढने : भारत में पिछले 10 वर्षों में लोकतंत्र को बहुत नुकसान पहुंचाया गया: राहुल गांधी
रिपब्लिकन पार्टी के नेता ने संकल्प लिया है कि वह अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे प्रवासियों को देश से निकाल बाहर करेंगे और चेतावनी देते हुए कहा कि हैरिस ‘‘बाइडन से भी बदतर’’ हैं तथा उनकी नीतियां अमेरिका को वेनेजुएला बना देंगी. ट्रंप बार-बार हैरिस और बाइडन को कमजोर साबित करते रहे. ट्रंप ने दो बार इस बात से इनकार किया कि यूक्रेन का रूस के खिलाफ युद्ध जीतना अमेरिका के सर्वोत्तम हित में है. हैरिस ने इस पर तंज करते हुए कहा कि यह इस बात का उदाहरण है कि अमेरिका के नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) सहयोगी इस बात के क्यों शुक्रगुजार हैं कि ट्रंप राष्ट्रपति कार्यालय में नहीं हैं.