लखनऊ, 23 फरवरी उत्तर प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति के लिए नियमावली बनाने के मामले को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।
प्रश्नकाल के दौरान सपा सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस संबंध में सरकार से सवाल किया था।
स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर सिंह ने इसका जवाब देते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति सुसंगत नियमावली के अनुसार की जाती है।
मौर्य ने सरकार के इस जवाब पर कहा, ‘‘सरकार आखिर किस नियमावली के तहत नियुक्तियां कर रही है? सरकार गोलमोल जवाब दे रही है।’’ उन्होंने दावा करते हुए कहा, ‘‘सच्चाई यह है कि चिकित्सा शिक्षा विभाग में भर्ती या चयन के लिए कोई नियमावली है ही नहीं।’’
इस पर राज्य मंत्री ने कहा, ‘‘पहले चिकित्सा शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग एक ही महकमा था। 1992-93 में इन्हें अलग-अलग कर दिया गया। स्वास्थ्य विभाग की पुरानी नियमावली को ही चिकित्सा शिक्षा विभाग में अंगीकार कर लिया गया। उसी के जरिए नियुक्तियां की जाती हैं।’’
इस पर मौर्य ने आरोप लगाया, "मेडिकल कॉलेजों में नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन नहीं निकाला जाता। मनमाने तरीके से एक वर्ग विशेष के लोगों की भर्ती की जा रही है। आरक्षण नियमावली का पालन नहीं किया जा रहा है। आरक्षित जगहों पर भी सामान्य लोगों की भर्ती मनमाने तरीके से की जा रही है। इसी बात को छुपाने के लिए सुसंगत नियमों का हवाला देकर पूरी की पूरी भर्ती भ्रष्टाचार की बलिवेदी पर चढ़ा दी गई है।"
राज्यमंत्री सिंह ने कहा कि मौर्य जो आरोप लगा रहे हैं वे बिल्कुल गलत हैं और वह नियुक्ति नियमावली को प्रश्नकर्ता सदस्य के पास भेज देंगे।
हालांकि, मौर्य सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मंत्री जी सदन को गुमराह कर रहे हैं। सरकार की कैबिनेट का प्रस्ताव है कि अगर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थी उपलब्ध नहीं हैं तो सामान्य वर्गों के अभ्यर्थियों से भर्ती कर दी जाए। मैं सीधा आरोप लगा रहा हूं कि वह सरकार आरक्षण को खत्म करके मनमाने तरीके से आपने लोगों को पदस्थापित कर रही है।"
इसके बाद सपा सदस्य सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए।
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