पटना, 10 जनवरी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि उनके करीबी सहयोगी और पूर्व मंत्री आलोक मेहता के परिसरों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी का उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ विपक्षी पार्टी को ‘तंग’ करना है।
पूर्व उपमुख्यमंत्री और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यादव ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसियां केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर काम कर रही हैं।
उन्होंने कहा, “2022 में हमारी सरकार के दौरान जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के एक मंत्री के कई रिश्तेदारों के यहां छापेमारी की गई थी।”
यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब वह हमारे सहयोगी थे, तब उनके (नीतीश) करीबी सहयोगी (केंद्रीय मंत्री) राजीव रंजन सिंह ललन और (राज्य मंत्री) विजय कुमार चौधरी को भी अपने करीबी सहयोगियों को इसी तरह परेशान होते देखना पड़ा था।
यादव ने कहा, “अब चुनाव (विधानसभा चुनाव) जैसे-जैसे पास आता जाएगा, लोगों के यहां छापे पड़ते रहेंगे। ये चीजें भाजपा से अप्रत्याशित नहीं हैं, जो विरोधियों को परेशान करने में विश्वास रखती है। लोगों को पकडेंगे और तंग करने का प्रयास करेंगे ताकि लोग काम कर नहीं कर पाएं।”
यह पूछे जाने पर की क्या आप भी इसके लिए तैयार हैं, तेजस्वी ने कहा कि हम तो केंद्रीय एजेंसियों का दफ्तर अपने घर में खुलवाना चाहते हैं।
राजद नेता ने दावा किया कि जदयू प्रमुख ने राज्य की नौकरशाही पर अपनी पकड़ खो दी है।
तेजस्वी का इशारा एक सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी की ओर था, जिसे सेवानिवृत्ति के बाद मुख्यमंत्री का शीर्ष सहयोगी बना गया है।
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