नयी दिल्ली, छह जनवरी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) की महिला प्रतिनिधियों से अपने क्षेत्रों को और अधिक ‘‘जनोन्मुखी’’ बनाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और नवाचार को अपनाने का आह्वान किया।
‘पंचायत से संसद 2.0’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिरला ने जमीनी स्तर पर सतत विकास को आगे बढ़ाने और शासन को बेहतर बनाने के लिए प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया।
‘संविधान सदन’ के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम का आयोजन संसदीय शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (पीआरआईडीई) ने राष्ट्रीय महिला आयोग और जनजातीय मामलों के मंत्रालय के सहयोग से किया।
कार्यक्रम में 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 500 से अधिक महिला पीआरआई प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
अपने संबोधन में बिरला ने भारत के लोकतंत्र को मजबूत करने में महिला नेतृत्व की परिवर्तनकारी शक्ति को रेखांकित किया और इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं का सशक्तिकरण - विशेष रूप से ग्रामीण और आदिवासी समुदायों की महिलाओं का - सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण है।
उन्होंने ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह महिला नेतृत्व के लिए भारत की प्रगतिशील दृष्टि में एक महत्वपूर्ण कदम है तथा लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब है।
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