मुंबई, 18 नवंबर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन सी एस शेट्टी ने सोमवार को कहा कि कामकाज सुगम होने और डिजिटलीकरण के साथ निवेश विकल्प से घरेलू बैंक व्यवस्था में संरचनात्मक बदलाव आ रहा है।
शेट्टी ने एसबीआई के कार्यक्रम ‘विकसित भारत एट 2047’ में ‘युवा नेताओं की भूमिका’ विषय पर एक परिचर्चा में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह एक परिपक्व निवेश माहौल और डिजिटलीकरण का भी संकेत है, जिसने लोगों को बैंकों के अलावा अन्य स्थानों पर निवेश करने के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।’’
उन्होंने जमा राशि जुटाने को लेकर बढ़ती चिंताओं पर पूछे गये एक सवाल के जवाब में यह बात कही। उनसे पूछा गया था कि ज्यादातर लोग बैंकों में पैसा जमा करने के बजाय अपने पैसे के निवेश के अन्य रास्ते तलाश रहे हैं।
एसबीआई चेयरमैन ने कहा कि कुछ साल पहले बैंक से जुड़े कार्य करना अधिक ‘कष्टदायक’ था और एसआईपी (निश्चित अवधि पर किया जाने वाला निवेश) में निवेश करना भी आसान काम नहीं था।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन आज, दो क्लिक के साथ, आप राशि को बैंक खाते से सावधि जमा या एसआईपी में स्थानांतरित कर सकते हैं। इसका मतलब है कि कारोबार करने में सुगमता के साथ निवेश के अवसरों से संरचनात्मक बदलाव भी हो रहा है।’’
हालांकि, शेट्टी ने कहा कि इसके बावजूद यह भी एक सच्चाई है कि पिछले दशक में बैंकों ने जमा पर ध्यान नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान, बहुत सारे बैंक जमा नहीं चाहते थे। यह केवल एसबीआई ही था, जो इसे स्वीकार कर रहा था। ‘‘मुझे भरोसा है कि जैसे-जैसे व्यक्ति की आय का स्तर बढ़ता है, संपत्ति आवंटन होता है।’’
शेट्टी ने कहा, ‘‘मुझे आशा और विश्वास है कि बैंक जमा महत्वपूर्ण परिसंपत्तियों में से एक होगी और इसपर वे निश्चित रूप से विचार करेंगे।’’
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