नयी दिल्ली, 10 जनवरी उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने शुक्रवार को देश में स्टार्टअप के लिए वित्त पोषण को बढ़ावा देने के तरीकों पर वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) के साथ चर्चा की।
एक अधिकारी ने कहा कि इस संवाद सत्र में कई एआईएफ ने भाग लिया।
अधिकारी ने बताया कि बैठक के दौरान पूंजी जुटाने और छोटे शहरों में स्टार्टअप के लिए वित्त पोषण को बढ़ावा देने जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई।
केंद्र की ‘फंड ऑफ फंड्स स्कीम’ (एफएफएस) के तहत भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी)-पंजीकृत एआईएफ को सहायता दी जाती है, जो बदले में स्टार्टअप में निवेश करते हैं।
एफएफएस की घोषणा 10,000 करोड़ रुपये के कोष के साथ की गई थी। यह कोष 14वें और 15वें वित्त आयोग चक्रों (2016-2020 और 2021-2025) के दौरान डीपीआईआईटी द्वारा बजटीय सहायता के माध्यम से बनाया जाना है।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि इन एआईएफ ने स्टार्टअप में एक लाख करोड़ रुपये निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है और वे अब तक 20,000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश कर चुके हैं।
एफएफएस के तहत समर्थित प्रमुख स्टार्टअप निवेश कंपनियों के प्रमुख एआईएफ में ब्लूम वेंचर्स, आइवीकैप, वाटरब्रिज, ओमनीवोर, आविष्कार, जेएम फाइनेंशियल और फायरसाइड वेंचर्स आदि शामिल हैं।
एफएफएस के तहत समर्थित वैकल्पिक निवेश कोष को स्टार्टअप में एफएफएस के तहत प्रतिबद्ध राशि का कम से कम दोगुना निवेश करना आवश्यक है।
पिछले साल 31 अक्टूबर तक एफएफएस समर्थित एआईएफ द्वारा स्टार्टअप में कुल 20,572.14 करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है।
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