वियना: ईरान (Iran) के परमाणु कार्यक्रम को नियंत्रित करने के उद्देश्य से 2015 में किए गए ऐतिहासिक परमाणु (Nuclear) समझौते को दोबारा लागू करवाने को लेकर रविवार को ईरान और दुनिया के पांच शक्तिशाली देशों के राजनयिकों के बीच बातचीत होगी. इस बातचीत में अमेरिका (US) शामिल नहीं होगा. Earthquake in Iran: ईरान में मध्यम दर्जे के भूकंप के झटके, 10 लोग घायल
चीन, जर्मनी, फ्रांस, रूस और ब्रिटेन के वरिष्ठ राजनयिक ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना के एक होटल में एकत्र हुए हैं, जहां यह मुलाकात होगी. इस बातचीत के लिए रूस के शीर्ष प्रतिनिधि मिखाइल उल्यानोव ने शनिवार को एक ट्वीट में लिखा कि संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) के सदस्य वियना में होने वाली वार्ता में आगे की योजना पर फैसला करेंगे. हालांकि ईरान परमाणु समझौते को दोबारा लागू करने के लिए योजना करीब-करीब तैयार कर ली गयी है, लेकिन इसको लेकर अब तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.
वियना में होने वाली वार्ता में अमेरिका शामिल नहीं होगा, क्योंकि 2018 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ऐतिहासिक परमाणु समझौते से अमेरिका को बाहर करने और ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी. अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन ने हालांकि कुछ शर्तों के साथ परमाणु समझौते में दोबारा शामिल होने की इच्छा जाहिर की है. वियना में अमेरिका का एक प्रतिनिधिमंडल अन्य देशों के राजनयिकों के जरिए ईरान के साथ अप्रत्यक्ष रूप से बातचीत में शामिल हो रहा है.
ईरान के कट्टर न्यायपालिका प्रमुख इब्राहिम रायसी की राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद रविवार को होने वाली इस तरह की पहली मुलाकात होगी. रायसी के सत्ता में आने से ईरान में कट्टरपंथियों का वर्चस्व बढ़ जाएगा क्योंकि उन्हें देश के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला अली खेमनेई का काफी नजदीकी माना जाता है.
एपी
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