नयी दिल्ली, 10 दिसंबर स्टेनलेस स्टील उद्योग के निकाय आईएसएसडीए ने सरकार से इस उद्योग के लिए अलग से एक नीति तैयार करने का आग्रह किया है।
अभी तक स्टेनलेस स्टील क्षेत्र को घरेलू स्टील उद्योग का ही हिस्सा माना जाता है।
भारतीय स्टेनलेस स्टील विकास संघ (आईएसएसडीए) के अध्यक्ष राजमणि कृष्णमूर्ति ने मंगलवार को एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा कि स्टेनलेस स्टील उद्योग के लिए एक अलग नीति के प्रस्ताव पर निकाय इस्पात मंत्रालय के साथ बातचीत कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘आईएसएसडीए ने स्टेनलेस स्टील उद्योग के लिए एक अलग नीति के संबंध में सरकार को एक प्रस्तुति सौंपी है। मंत्रालय ने इसपर सकारात्मक रुख दिखाया है।’’
अलग नीति के संबंध में उद्योग के शीर्ष निकाय ने इस्पात मंत्रालय को दो-तीन मसौदे सौंपे हैं।
इस बीच, आईएसएसडीए ने एक बयान में कहा कि भारत में स्टेनलेस स्टील की खपत वित्त वर्ष 2022-23 के 40.2 लाख से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 44.6 लाख टन हो गई जो सालाना आधार पर 11 प्रतिशत अधिक है।
देश में स्टेनलेस स्टील की प्रति व्यक्ति खपत वित्त वर्ष 2018-19 में 2.25 किलोग्राम थी जो बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 3.1 किलोग्राम हो गई।
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