नयी दिल्ली, 22 जुलाई : दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रायोगिक आधार पर 16 अगस्त से वह परिसर से कामकाज को शुरू कर सकता है. कोविड-19 के कारण अभी तक प्रत्यक्ष सुनवाई बंद थी और वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये मामले सुने जा रहे हैं. उच्च न्यायालय के एक प्रशासनिक आदेश में कहा गया है कि दिल्ली में वैश्विक महामारी की स्थिति के मूल्यांकन के आधार पर अगले आदेशों के तहत इस पर सीमित तरीके से अमल किया जाएगा. उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल मनोज जैन द्वारा जारी आदेश में कहा गया, ‘‘ प्रायोगिक आधार पर 16 अगस्त 2021 से अदालत परिसर में सुनवाई शुरू की जा सकती है, जो कि दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वैश्विक महामारी की स्थिति के मूल्यांकन के आधार पर अगले आदेशों के अधीन होगी.’’
आदेश में कहा गया कि उच्च न्यायालय की सभी पीठ, रजिस्ट्रार और संयुक्त रजिस्ट्रार (न्यायिक) आवश्यक मामलों पर 13 अगस्त तक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुनवाई जारी रखें, जैसे कि अभी तक किया जा रहा है. 26 जुलाई और 13 अगस्त के बीच उच्च न्यायालय में सूचीबद्ध सभी लंबित नियमित या गैर-जरूरी मामलों को 10 सितम्बर से 30 सितम्बर के बीच संबंधित तारीखों के लिए स्थगित कर दिया जाएगा. दिल्ली में जिला अदालत के संबंध में भी इसी तरह का आदेश पारित किया गया है, जहां प्रायोगिक आधार पर 16 अगस्त से सीमित तरीके से परिसर में सुनवाई शुरू की जाएगी. यह भी पढ़ें : सीबीआई पुलिस कर्मियों के स्थानांतरण, सचिन वाजे की बहाली की जांच कर सकती है : अदालत
गौरतलब है कि 18 अप्रैल को उच्च न्यायालय ने कहा था कि 19 अप्रैल से वह केवल इस साल दायर किए केवल ‘‘ अत्यावश्यक मामलों पर ही सुनवाई’’ करेगा. इसी तरह के आदेश 23 अप्रैल और 15 मई को भी पारित किए गए थे. इससे पहले, कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर आठ अप्रैल को फैसला किया गया था कि केवल ‘‘ऑनलाइन’’ ही मामलों की सुनवाई की जाएगी. कोविड-19 के कहर के कारण पिछले साल मार्च में अदालत ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुनवाई शुरू की थी. पिछले साल 16 मार्च से ही वह केवल आवश्यक मामलों पर सुनवाई कर रहा है. इसके बाद कोविड-19 की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए 25 मार्च से उच्च न्यायालय और जिला अदालतों ने परिसर में सुनवाई पूरी तरह बंद कर दी थी. पिछले साल सितम्बर से कुछ पीठ ने बारी-बारी अदालत परिसर में सुनवाई करना शुरू किया था.